उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के शुरू होने के साथ ही राज्य में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाएं भी तेज हो गई है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल देखने को मिल सकता है. उत्तर प्रदेश कैबिनेट में अभी कुल 4 सीटें खाली पड़ी हैं. 4 सीटें पहले ही खाली पड़ी थीं, जबकि योगी सरकार के चेहत चौहान और कमला रानी के निधन के बाद उनके मंत्रालय भी सूने हो गए हैं. ऐसे में योगी आदित्यनाथ जल्द ही अपने कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दो अक्टूबर से पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है.
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इसके साथ ही योगी राजनीतिक और सामाजिक संतुलन साधने का दांव भी चल सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को आए साढ़े तीन साल हो गए हैं और अभी लगभग डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी है. ब्राह्मण मुद्दे पर योगी सरकार को पहले से बैकफुट पर है तो चुनावी आहट से बीजेपी विधायकों की बेचैनी भी बढ़नी लगी है. ऐसे में योगी अपने मंत्रिमंडल का जल्द पुनर्गठन कर राजनीतिक और सामाजिक संतुलन साधने का दांव चल सकते हैं.
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सूत्रों की मानें तो जल्द ही कैबिनेट विस्तार कर मंत्रिमंडल में खाली पदों को भरा जाएगा. इसके अलावा कुछ असंतोषजनक परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है. जबकि चुनाव के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ मंत्रियों का प्रमोशन हो सकता है तो कुछ युवा मंत्रियों को भी मौका दिया जा सकता है. कैबिनेट में 6 पद खाली हैं. ऐसे में योगी अपने मंत्रिमंडल में 6 नए लोगों को शामिल कर उनको मौका दे सकते हैं.
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ब्राह्मणों के मुद्दे पर योगी इस बार विपक्ष की घेराबंदी को भी तोड़ने की योजना भी बना रहे होंगे. कैबिनेट में ब्राह्मणों का हिस्सा बढ़ाकर योगी सरकार उन्हें राजनीतिक संदेश दे सकती है. यह चर्चा इसलिए भी है कि दलित और राजपूत से आने वाले 2 कैबिनेट मंत्रियों चेतन चौहान और कमला रानी के निधन के बाद जल्द ही उस जगह को भरा जाना जरूरी है. आपको यह भी बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में विधायकों की संख्या के हिसाब से कैबिनेट में 60 सदस्य शामिल हो सकते हैं. अभी यह संख्या 54 है. बहरहाल, देखने वाली बात यह होगी कि कैबिनेट विस्तार कब होता है और किस-किसको उसमें जगह मिलती है.