कासगंज में हुए सिपाही हत्या मामले में पुलिस मुठभेड़ में एक आरोपी मारा गया है. सूत्रों के अनुसार कासगंज में छापेमारी के दौरान हुई मुठभेड़ में मुख्य आरोपी मोती धीमर का भाई एलकार सिंह मारा गया है. पूरी घटना कासगंज के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव नगला धीमर की है, जहां दारोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र शराब माफियाओं पर कार्यवाई करने के लिए गांव पहुंचे थे, गांव पहुंचते ही शराब माफियाओं ने पुलिस हमला कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया था. इसके बाद सिपाही को पीट.पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया था. इस दौरान दारोगा अशोक पाल गंभीर रूप से घायल हो गया था.
पुलिस ने बुधवार तड़के हुए एनकाउंटर में मुख्य आरोपी बदमाश मोती के भाई एलकार सिंह को मार गिराया जबकि अन्य की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है. मारा गया बदमाश एलकार सिंह भी हिस्ट्रीशीटर है और वह जेल भी जा चुका ह.
यह भी पढ़ें : कासगंज में 'कानपुर पार्ट-2', शराब माफिया का पुलिस पर जानलेवा हमला, सिपाही की मौत
क्या थी घटना
पूरी घटना सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव नगला धीमर की है. जहां दारोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र शराब माफियाओं पर कार्यवाई करने के लिए गांव पहुंचे थे. गांव पहुंचते ही शराब माफियाओं ने पुलिस हमला कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया था. इसके बाद सिपाही को पीट.पीट कर मौत के घाट उतार दिया और दरोगा को बेरहमी से पीटा गया.घटना के बाद एडीजी अजय आनंद और आईजी पीयूष मोर्डिया भी मौके पर पहुंच गए. फिलहाल गंभीर रूप से घायल दारोगा अशोक को जिला अस्पताल से अलीगढ़ रेफर किया गया है. सिपाही के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
प्रदेश सरकार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि एसआई अशोक पाल ओर कॉन्स्टेबल देवेंद्र गस्त पर थे.इस दौरान नगला धीमर में कच्ची शराब बनाने सूचना मिली. तभी शाम करीब साढ़े छह बजे सीओ पटियाली को सूचना मिली थी कि एसआई और कॉन्स्टेबल के साथ मारपीट की गई है. सूचना पर कासगंज पुलिस और आस पास के जनपदों की पुलिस गांव पहुंची. जंहा पुलिस को काली नदी की कटरी में तीन किलो मीटर की दूरी पर सिपाही और एसआई घायल हालत में मिले थे. इस दौरान अस्पताल ले जाते समय घायल सिपाही ने रास्ते मे दम तोड़ दिया और एसआई को इलाज के लिए अलीगढ़ रेफर किया गया है.
यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश: प्रतापगढ़ में सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में मची लूट, CM योगी से शिकायत
50 लाख की मदद और परिजन को सरकारी नौकरी
इस पूरी घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर एनएसए लगाने सहित कड़ी से कड़ी कार्यवाई किये जाने के निर्देश जारी किए हैं,इसके साथ ही उन्होंने घायल पुलिसकर्मी का समुचित उपचार कराने की बात भी कही है. मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. कासगंज में कानपुर के बिकरूकांड की तर्ज पर ही पुलिस को निशाना बनाया गया था.
क्या है बिकरू हत्याकांड
दो जुलाई 2020 की रात को बिकरू गांव में विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची पुलिस की टीम पर घात लगाकर बैठे बदमाशों ने हमला कर दिया था. इस एनकाउंटर में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. विकास दुबे के ही एक रिश्तेदार राहुल तिवारी नाम के शख्स ने विकास दुबे के खिलाफ मुकदमा लिखाया था. उसी की शिकायत पर पुलिस पार्टी दबिश देने के लिए बिकरू गांव पहुंची थी.
HIGHLIGHTS
- इस घटना ने बिकरू हत्याकांंड की याद दिला दी है.
- मुख्यमंत्री योगी ने आरोपियों पर एनएसए लगाने सहित कड़ी से कड़ी कार्यवाई किये जाने के निर्देश जारी किए हैं.
- छापेमारी के दौरान हुई मुठभेड़ में मुख्य आरोपी मोती धीमर का भाई एलकार सिंह मारा गया है.
Source : News Nation Bureau