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उत्तर प्रदेश: पोस्टर वार में कूदी कांग्रेस, लगाए बीजेपी नेताओं के खिलाफ पोस्टर

सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर गुरुवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया.

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Dalchand Kumar
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पोस्टर वार में कूदी कांग्रेस, लगाए BJP नेताओं के खिलाफ पोस्टर( Photo Credit : News State)

नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उप्र में हुई हिंसा के आरोपियों का पोस्टर लगाने का मामला अब कोर्ट के बाद राजनीतिक गलियारे में छाया हुआ है. योगी सरकार (Yogi Govt) ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के होर्डिंग्स लगाए. जवाब में समाजवादी पार्टी (सपा) ने भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद और उन्नाव के भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के पोस्टर लगाकर उनके आपराधिक विवरण भी दिए हैं. अब इस लड़ाई में कांग्रेस (Congress) भी कूद गई है.

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कांग्रेस नेता सुधांशु वाजपेयी और लालू कनौजिया की ओर से शनिवार को आंबेडकर प्रतिमा, नगर निगम, दारूलशफा, लखनऊ विश्वविद्यालय सहित दर्जनभर जगहों पर योगी सरकार द्वारा लगाए गए पोस्टर्स के समानांतर पोस्टर्स लगाए गए. इस पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी, केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मंत्री सुरेश राणा, विधायक उमेश मलिक, संगीत सोम के अलावा विहिप नेता साध्वी प्राची के पोस्टर लगाए गए और उनपर उनकी आपराधिक छवि दर्शाने के प्रयास किए गए हैं. हालांकि कुछ समय बाद इन पोस्टरों को प्रशासन ने हटा दिया है.

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इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सुंधाशु वाजपेयी कांग्रेस के ही कार्यकर्ता हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ता ने अच्छा काम किया है. उन्होंने कहा कि दंगों के गुनहगार खुद मुख्यमंत्री हैं. अगर दंगाइयों की फोटो लगानी है तो पहले उन्हें अपनी खुद की फोटो लगानी चाहिए. इसके बाद वह दूसरे की लगाएं.

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सुधांशु वाजपेयी ने अपने बयान में कहा, 'मुख्यमंत्री कैबिनेट में जो अध्यादेश लेकर आए हैं, वह सीधे जनादेश का दुरुपयोग है, संविधान में विधायिका को जो विशेषाधिकार दुर्लभतम परिस्थितियों के लिए दिया गया है, योगी सरकार उसका उपयोग निजी अहंकार के लिए कर रही है. लेकिन जो संविधान मुख्यमंत्री को अध्यादेश लाने का अधिकार देता है, उसी के अनुच्छेद 14 के तहत मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित भाजपा के विभिन्न नेताओं पर भी विभिन्न मामलों में दंगों के मुकदमे दर्ज हैं. तब स्वाभाविक ही इनसे भी इसी अध्यादेश के तहत वसूली होनी चाहिए.'

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भाजपा प्रवक्ता हरीश चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा, 'इस समय कांग्रेस विषयहीनता के दौर से गुजर रही है. कई बार कांग्रेस के नेता गलतबयानी के लिए बिना शर्त माफी भी मांग चुके हैं. ऐसी गैर-जिम्मेदाराना हरकतों के कारण कांग्रेस को कोर्ट के अलावा जनता के सामने भी शर्मसार होना पड़ता है.'

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ज्ञात हो कि गुरुवार देर रात सपा नेता आई.पी. सिंह ने दुष्कर्म मामले में आरोपी भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद और दुष्कर्म के ही आरोप में सजा काट रहे भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर का बैनर लोहिया पार्क चौराहे पर लगवा दिया. यह बैनर ठीक उसी जगह लगाया गया, जहां उपद्रव के आरोपियों का विवादित पोस्टर लगा था.

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सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर गुरुवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की विशेष अनुमति याचिका को तीन जजों की बड़ी पीठ को रेफर कर दिया.

यह वीडियो देखें: 

Lucknow congress poster war BJP Uttar Pradesh
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