उन्नाव-कानपुर सीमा में गंगा नदी की धारा के बहाव को वास्तविक स्थान पर मोड़ने के लिए सिंचाई विभाग कानपुर व बैराज यांत्रिक अनुरक्षण विभाग द्वारा ड्रेजिंग व चैनलाइजेशन का कार्य किया जा रहा है . जिससे शुक्लागंज व कानपुर सीमा क्षेत्र में गंगानदी किनारे बसे मोहल्लों के सैकड़ों परिवारों को बाढ़ से राहत मिल जाएगी . जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कार्य का निरीक्षण कर अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट ली है . मंत्री ने ड्रेजिंग कार्य को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि शुक्लागंज, उन्नाव व कानपुर को बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा. मंत्री ने बारिश के पहले कार्य पूरा होने के आदेश दिये हैं.
बता दें कि गंगाघाट नगर पालिका क्षेत्र के रविदास नगर, शक्ति नगर, गंगा नगर, श्रीनगर, इंद्रानगर, कंचन नहर, गोताखोर कालोनी, बालूघाट समेत कई मोहल्ले बारिश में गंगानदी का जलस्तर बढ़ने पर टापू में तब्दील हो जाते हैं. कई परिवार महीनों सड़कों पर खुले आसमान में समय बिताने को मजबूर होते हैं . फिलहाल बाढ़ के कहर से बचाने के लिए योगी सरकार ने कमर कसी है.
उन्नाव के गंगाघाट नगर पालिका में बने नवींन गंगानदी पुल के बाएं छोर पर गंगा की कटान रोकने के लिये सिंचाई विभाग द्वारा करीब 5 किलोमीटर गंगानदी क्षेत्र में ड्रेजिंग का कार्य चल रहा है. ड्रेजिंग कार्य से गंगा नदी की धारा को वास्तविक स्थान (गंगा धारा को बीच में लाने के उद्देश्य से) डेजिंग कार्य काराया जा रहा है.
वहीं ड्रेजिंग कार्य में बाहर निकलने वाली बालू की नीलामी कर कमाई करेगी. बुधवार को कानपुर आए उत्तर प्रदेश सरकार में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने आज ड्रेजिंग कार्य का सघन निरीक्षण किया. सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बिंदुवार कार्य प्रगति की समीक्षा के साथ ही, स्टीमर पर बैठकर गंगानदी में चल रहे कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया . वहीं डीएम उन्नाव रवींन्द्र कुमार को मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं . लापरवाही उजागर होने पर जिम्मेदारों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी.
जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि बाढ़ से बचाने के लिए ड्रेजिंग का कार्य यूपी के 11 जिलों में किया जा रहा है . 7 जिलों में काम पूरा कर लिया गया है. उन्नाव में भी ड्रेजिंग का कार्य बहुत अच्छे तरीके से चल रहा है. 4.6 किलोमीटर का ऐतिहासिक ड्रेजिंग कार्य चल रहा है. शुक्लागंज, उन्नाव व कानपुर की बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा. गंगा मैया की धारा कार्य पूर्ण होने पर वास्तविक स्थान से बहेगी.