आम आदमी पार्टी पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विनय पटेल ने प्रेसवार्ता कर यूपी की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद केवल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की वजह से देश का राजनीतिक दृष्टिकोण बदल चुका है, क्योंकि जिस शिक्षा के स्तर को केजरीवाल ने संशोधन कर जनता के सामने रखा है वह प्रशंसनीय है. आज देशवासी आम आदमी पार्टी द्वारा प्रस्तुत किए हुए शिक्षा मॉडल को देखकर गौरवान्वित महसूस करते हैं. विनय पटेल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि 5 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 14500 सरकारी स्कूलों को कान्वेंट की तर्ज पर भव्य और शानदार बनाया जाएगा, लेकिन सवाल यह है कि 1 फरवरी 2021 को सदन के अंदर वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि 15000 सरकारी स्कूलों को नई आर्थिक नीति के तहत कॉन्वेंट की तरह बनाया जाएगा तो क्या आज की तारीख में भाजपा के लोग तथ्य पूर्ण आंकड़ा प्रस्तुत कर सकते हैं कि अब तक डेढ़ साल की अवधि में उन्होंने कितने सरकारी स्कूल को कान्वेंट की तर्ज पर बनाया है?
विनय पटेल ने कहा सत्य तो यह है कि आज तक ऐसा भाजपा ने शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नहीं किया और इस तरह के भाषण केवल न्यूज़पेपर में हेड लाइन के तौर पर लिखे जाते हैं जिससे भाजपा सुर्खियां बटोर सके. विनय पटेल ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सकारात्मक कदम उठाते हुए नए कीर्तिमान बनाए हैं तब से भाजपाई जो केवल धार्मिक मुद्दों को उठाते थे और हिंदू-मुस्लिम किया करते थे वह अहमदाबाद से महाराष्ट्र तक के सरकारी स्कूलों में जाकर फंक्शन अटेंड करने लगे हैं.
विनय पटेल ने कहा कि सांसद संजय सिंह ने 5 सितंबर को 'सेल्फी विद सरकारी स्कूल' अभियान की शुरुआत की थी जिसमें आज पांचवें दिन हजारों स्कूल की फुटेज हमारे पास आ चुकी है, जिनकी स्थिति बेहद खराब और खस्ताहाल है. उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस अभियान में बच्चे, अभिभावकों, शिक्षक हो आम नागरिकों सभी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और हमें अपने-अपने क्षेत्रों के स्कूलों से और उनकी स्थिति से अवगत कराया है.
उन्होंने बताया कि अभी 1 दिन पहले शाहजहांपुर में एक महिला ने कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में प्रवेश किया जहां विद्यालय की एक अध्यापिका ने पुलिस बुला ली और धमकी दी कि मैं भाजपा से हूं और आपको स्कूल का दौरा करने नहीं दूंगी. विनय पटेल ने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के बदहाल सरकारी स्कूल में कोई क्यों नहीं जा सकता जब वह स्कूल जनता के दिए हुए टैक्स के पैसों से बना है और आप उस टैक्स के पैसों से क्यों उन सरकारी स्कूलों की जर्जर अवस्था में सुधार नहीं करते हैं.
विनय पटेल ने कहा कि 1 साल पहले जौनपुर में एक पत्रकार को केवल इसलिए जेल भेज दिया गया क्योंकि उन्होंने वहां के सरकारी स्कूलों की स्थिति से लोगों को अवगत कराने की कोशिश की थी, मुद्दा केवल यह था कि उन्होंने यह दिखा दिया था कि मिड डे मील के नाम पर सरकारी स्कूलों में बच्चों को नमक रोटी दी जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि बलिया के सरकारी स्कूलों में बालिकाओं से टॉयलेट साफ कराया जाता है.
विनय पटेल ने बताया कि एक दुखद सूचना यह मिली है कि कौशल कुमार चौहान जोकि बिजनौर के रहने वाले हैं. उन्होंने शिक्षामित्र पद के मामले में तंग आकर और सरकार की नीतियों से दुखी होकर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली है. पिछले 10 साल से शिक्षामित्र अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे थे जिसमें कौशल चौहान आज जीवन हार बैठे. आखिर यह सरकार चाहती क्या है? कभी यह सरकार अध्यापकों को वोटर आईडी कार्ड बनाने के काम में लगा देती है तो कभी कांवड़ियों पर फूल की बारिश करने के लिए सड़क पर लाइन में खड़ा कर देती है.
Source : News Nation Bureau