सरकारी सुरक्षा कर्मी गनर को अमूमन किसी बड़ी शख्सियत की सुरक्षा में रखा जाता है लेकिन अचानक सड़क पर रेहड़ी लगाकर रेडीमेड कपडे बेच कर गुजारा करने वाले के पास दो -दो सरकारी गनर देखकर आश्चर्य मे पड़ गए. ये रेहड़ी वाला ज़ब अपनी रेहड़ी लगाकर बाजार के फुटपाथ मे कपडे़ बेच रहा होता है तो दो सरकारी गनर इसकी सुरक्षा करते हैं. एटा जनपद मे लोग एक साधारण से रेहड़ी वाले की सुरक्षा मे लगे दो सरकारी गनर को देखकर आश्चर्य मे पड़ जाते हैं. लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि साधारण से दिखने वाला जैथरा क़स्बा मे रेहड़ी पर रेडीमेड कपडे बेचने वाले रामेस्वर दयाल को एक मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर एक नहीं दो -दो सरकारी सुरक्षा कर्मी मिले हैं जो हर वक़्त उसकी सुरक्षा मे तैनात रहते हैं.
दरअसल एटा जनपद के जैथरा कस्बे के गाँधी नगर मे रहने वाले अनुसूचित जाति के रामेस्वर दयाल ने अखिलेश यादव के बेहद करीबी और गैंगस्टर एक्ट व अन्य कई मुकदमों में आरोपी एटा की अलीगंज सीट से तीन बार के पूर्व विधायक सपा नेता रामेस्वर सिंह यादव एवं उनके छोटे भाई सपा नेता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव व अन्य के खिलाफ जाति सूचक शब्द कहने और बंधक बनाकर जबरन उसकी ज़मीन का बैनामा करवा लेने का मुकदमा जैथरा थाना मे 3 जून को दर्ज करवाया था.
इस मुक़दमे में ही सपा नेताओं की तरफ से हाई कोर्ट मे याचिका डालकर इस मुक़दमे को झूठा बताते हुए मुक़दमे को ख़ारिज कर एफआईआर निरस्त करने की मांग की गयी थी. वादी रामेस्वर दयाल ने 3 जून को जैथरा थाना मे सपा नेता पूर्व विधायक रामेस्वर सिंह यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव, रामेस्वर यादव के एक भाई जिनका नाम नहीं मालूम, राम मूर्ती, रेखा यादव, किताब श्री, मुन्नी देवी और पूर्व लेखपाल राम खिलाड़ी के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 344, 347, 386, 447, 506, व 3(2)(5) एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसमें ये कहा गया है कि 2010 से 2014 के बीच उक्त लोगों द्वारा वादी और उसके भाई पर उनकी ज़मीन बेंचने का दवाब बनाया गया. रामेस्वर सिंह यादव ने अगस्त 2014 मे वादी और उसके भाई को एक महीने तक बंधक बनाये रखा और मारपीट की, जाती सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर मौत का भय दिखाकर जबरन इनकी ज़मीन का बैनामा करवा लिया था. उसने कहा है कि उसके पास ज़मीन होते हुए भी आज वह सड़क पर रेहड़ी लगाकर कपडे बेचने को मजबूर है.
ज़ब न्यायालय ने इस मामले मे सुनवाई की और वादी को भी सम्मान भेजकर बुलाया गया तो वादी रामेस्वर दयाल हाई कोर्ट मे हाजिर हो गया. इस बीच ज़ब मुक़दमे की सुनवाई शुरू हुई तो जज साहब ये देख कर आश्चर्य चकित रह गए कि वादी बिना किसी सुरक्षा के वहा तक पहुँचा है और अभी तक पुलिस ने उसको सुरक्षा मुहैय्या नहीं करवाई हैं. उसी सामान्य न्यायाधीश ने एटा पुलिस को इस मामले के वादी को सुरक्षा मुहैय्या करवाने के आदेश दिए. इस मामले मे अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी.
आदेश के अनुपालन मे ही एटा के एसएसपी उदय शंकर सिंह ने कल ही वादी रामेस्वर दयाल को दी सुरक्षा कर्मी उसकी रेहड़ी पर उपलब्ध करवा दिए जहाँ पर सडक पर रेहड़ी लगाकर रामेस्वर दयाल ठेले पर रेडीमेड गारमेंट्स के कपडे बेचता है. जैसे ही वादी रामेस्वर दयाल की रेहड़ी के पास कल एटा पुलिस के दो शसस्त्र सुरक्षा कर्मी हथियार लेकर पहुंचे तो रामेस्वर दयाल उन्हें ग्राहक समझ बैठा. बाद मे उसको बताया गया कि उसकी सुरक्षा मे दोनों सुरक्षा कर्मी हाई कोर्ट के आदेश से लगे हैं तो वह असहज हो गया. उसने कहा कि हम गरीब आदमी हैं हम सुरक्षा कर्मी नहीं रख सकते. तब उसको बताया गया कि उसको ये दोनों सुरक्षा कर्मी निःशुल्क उसकी सुरक्षा के लिए मिले हैं.
इस सम्बन्ध मे थाना जैथरा के इंस्पेक्टर डॉ 0 सुधीर राघव ने बताया कि परसों माननीय न्यायालय ने एसएसपी एटा को वादी रामेस्वर दयाल को समुचित सुरक्षा उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था. उसी आदेश के अनुपालन मे एसएसपी एटा ने मुझे थाना स्तर से सुरक्षा उपलब्ध करवाने को आदेशित किया. एसएसपी एटा के आदेश के 2 घंटे के भीतर वादी रामेस्वर दयाल को दो शशस्त्र सुरक्षा कर्मी तत्काल उपलब्ध करवा दिए गए हैं. तब से दोनों वादी की सुरक्षा मे तैनात हैं.
अब रामेस्वर दयाल के एटा जनपद के जैथरा कस्बे मे चर्चे हैं. लोग आते जाते सड़क पर रेहड़ी लगाकर कपडे बेच रहे रामेस्वर दयाल पर दो सरकारी सुरक्षा कर्मी देखकर आचार्य चकित हो रहे है.
Source : News Nation Bureau