मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोपी प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग बस्ती के तत्कालीन अधिशासी अभियंता आलोक रमन को बर्खास्त करने का आदेश दिया है. वहीं, परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को सरकार ने निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से ट्वीट किया गया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी प्रांतीय खण्ड लोक निर्माण विभाग बस्ती के तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता आलोक रमन द्वारा 43.95 करोड़ रुपए के अनाधिकृत व्यय का गम्भीर वित्तीय अनियमितता का आरोप था. इस प्रकरण में विधिवत जांच के बाद आरोपों को पूर्णतः सिद्ध पाया गया है.
जांच अधिकारी की आख्या में उक्त अनाधिकृत व्यय से इंकार नहीं किया गया है. व्यवस्थाओं के विपरीत कार्य कर गम्भीर वित्तीय अनियमितता की गयी है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आलोक रमन को बर्खास्त करने का आदेश दिया है. इसके अतिरिक्त यह भी आदेश दिया है कि अगर इनके कृत्य से किसी प्रकार की शासकीय क्षति हुई हो तो उसकी वसूली भी सुनिश्चित की जाए.
वहीं, एक अन्य मामले में सरकार द्वारा सर्वेश सिंह, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) वाराणसी और अमित राजन राय, तत्कालीन सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन), वाराणसी सम्प्रति सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) तृतीय दल, गाजियाबाद को झारखण्ड का फर्जी पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर वाहनों की चेचिस पर बॉडी बनाकर पंजीयन कराए जाने, फिटनेस फीस जमा ना कराए जाने और वाहनों का निरीक्षण प्रपत्रों के प्रस्तुतीकरण के समय से ना किए जाने को लेकर निलंबन की कार्रवाई की गई है.
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जबकि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय विधिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने पर कैलाश नाथ सिंह, सहायक परिवहन अधिकारी (प्रशासन), अम्बेडकरनगर को निलंबित कर दिया गया है.