महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार 17 अक्टूबर से मिशन शक्ति का आगाज कर रही है. शारदीय से वासंतिक नवरात्र तक चलने वाले इस अभियान की शुरुआत 17 अक्टूबर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ से और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बलरामपुर से इसका आगाज करेंगे. गुरुवार को शासन स्तर एवं जिला स्तर के अधिकारियों मिशन शक्ति के संबंध में निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना जारी की गई है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन तथा महिला अपराध व बाल अपराध के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए हर माह एक सप्ताह के विशिष्ट कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएं. 180 दिवसीय इस अभियान के दौरान प्रदेश के सभी 75 जिलों, 521 ब्लाकों, 59,000 पंचायतों, 630 शहरी निकायों व 1535 थानों के माध्यम से महिलाओं एवं बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण, सुरक्षा एवं सम्मान के प्रति जागरूक करें. प्रथम चरण में इस अभियान को जागरूकता आधारित रखें. द्वितीय चरण में मिशन शक्ति के इन्फोर्समेंट (क्रियान्वयन) पर बल दिया जाए. सभी संबंधित विभाग 'कन्वर्जेन्स मॉडल' के माध्यम से इस विशेष अभियान में सहयोग प्रदान करें.
योगी ने कहा कि इस विशेष अभियान में स्थानीय स्तर पर सामाजिक संगठन, विभिन्न महिला संगठनों, मीडिया तथा जागरूक समाज सेवियों की एक समिति बनाकर विभिन्न रोल मॉडल का चयन किया जाए. ऐसी महिलाओं एवं बालिकाओं का चयन किया जाए, जो कि विभिन्न क्षेत्रों में समाज के लिए एक प्रेरणा बनी है तथा विशिष्ट क्षेत्रों में उपरोक्त उद्देश्यों के लिए प्रयास कर सफलता पाई हैं. उदाहरण स्वरूप ऐसी महिलाएं एवं बालिकाएं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों जैसे महिला सशक्तिकरण, भ्रूणहत्या रोकने संबंधी अभियान, उद्यमिता, शिक्षा, महिला अपराध रोकने इत्यादि इन क्षेत्रों में सफलता पाकर जनपद एवं प्रदेश के लिए रोल मॉडल बनी हैं, उनका चयन रोल मॉडल के लिए किया जाए. प्रत्येक जनपद से 100 रोल मॉडल का चयन किया जाए.
इसके अतिरिक्त लैंगिक आधारित संवेदीकरण, ध्वनि संदेश, साक्षात्कार, प्रशिक्षण, दुगार्पूजा पंडालों में कार्यक्रम, थानों पर कार्यक्रम तथा ग्रामीण स्तर पर जागरूकता उत्पन्न किये जाने संबंधी कार्यक्रम आयोजित हों. महिलाओं में स्वावलंबी बनने की प्रकिया को बढ़ाई जाए. विभिन्न विभागों द्वारा विभिन्न स्तरों पर शासन द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में लाभार्थियों का चयन एवं प्रशिक्षण के कार्यक्रम कराए जाएं. उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल अपराध की मॉनिटरिंग के लिए जनपद स्तर पर कमेटी सक्रिय रहें. पॉक्सो व महिला अपराध से संबंधित वादों के न्यायालय से निस्तारण की प्राथमिकता दी जाए.
योगी ने कहा कि नारी सुरक्षा से संबंधित समस्त विभागों द्वारा यह सुनिश्चित करना होगा कि प्राप्त शिकायतों में पीड़िता शिकायतकर्ता की पूर्ण संतुष्टि के स्तर तक कार्यवाही को गतिमान रखा जाए. इसी तरह पुलिस विभाग के अंतर्गत 1090 एवं यूपी 112 द्वारा एक साथ मिलकर पीड़ित की शिकायतों का प्रभावी ढंग से निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए.
Source : IANS