मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तम प्रदेश से सर्वोत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर उत्तर प्रदेश आज औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाए जा रहे कदमों के चलते देश ही नहीं, बल्कि विदेशी निवेशकों का चहेता राज्य बन चुका है. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक कम्पनियां उत्तर प्रदेश में आ रही हैं और निवेश करने जा रही हैं. उत्तर प्रदेश के नोएडा के साथ ही अन्य जनपदों में जल्द ही करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये की विदेशी परियोजनाएं जमीन पर उतरने जा रही हैं, जो प्रदेश में हजारों युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोलेंगी.
तीन जून को लखनऊ में आयोजित होने वाले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3 को भव्य से भव्यतम बनाने के लिए चल रही तैयारी की अगुवाई कर रहे एवं एक-एक बिंदू की स्वयं गहन निगरानी एवं समीक्षा कर रहे उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जापान, कनाडा, जर्मनी, हांगकांग, सिंगापुर, यूके, यूएस और कोरिया की कम्पनियां साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का विदेशी निवेश उत्तर प्रदेश में करने जा रही है.
मंत्री नन्दी ने कहा कि योगी सरकार में कानून व्यवस्था से लेकर कामकाज में पारदर्शिता के चलते चाहे उद्यमियों को जमीन देने का मामला हो या तमाम विभागों से मिलने वाली एनओसी का मुद्दा, हर क्षेत्र में उद्यमियों को कई तरह की सहूलियतें दी जा रही हैं. इससे उद्यमियों में यह संदेश गया कि उत्तर प्रदेश निवेश करने के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है. ऐसे में विदेशी निवेशक भी उत्तर प्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखाते हुए निवेश कर रहे हैं. इसकी वजह से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी उत्तर प्रदेश ने ऊंची छलांग लगाई है. उत्तर प्रदेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में देश में 11वें स्थान पर होने के साथ ही देश के टॉप 5 राज्यों में शामिल होने की ओर अग्रसर है.
मंत्री नन्दी ने बताया कि अमेरिका का एमक्यू सॉफ्टरवेयर गौतमबुद्धनगर नोएडा में 252 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है. माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा गौतमबुद्धनगर में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट परियोजना की स्थापना के लिए 1800 करोड़ रूपये का निवेश किया जा रहा है. वहीं, यूनाइटेड किंगडम की एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड्स (एबी मौरी) द्वारा पीलीभीत में खमीर उत्पादन परियोजना की स्थापना के लिए 1100 करोड़ रूप्ये का निवेश किया जा रहा है.
मंत्री नन्दी ने बताया कि फुटवियर निर्माण परियोजना की स्थापना के लिए जर्मनी की वान वेलेक्स कम्पनी आगरा में 300 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है. वहीं, दक्षिण कोरिया की कम्पनी समकवांग द्वारा नोएडा में 300 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. ड्रीमटेक इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा 265 करोड़ रुपये का निवेश, स्टारियन द्वारा गौतमबुद्ध नगर में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण परियोजना की स्थापना के लिए 400 करोड़ का निवेश किया जा रहा है. सिंगापुर की एसटीटी, जीडीसी कम्पनी द्वारा गौतमबुद्धनगर में डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए 900 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है.
मंत्री नन्दी ने बताया कि जापान की ही एनटीटी नेट मैजिक द्वारा गौतमबुद्धनगर में डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए 1500 करोड़ का निवेश किया जा रहा है. एलाइड निप्पान द्वारा गौतमबुद्धनगर में आटो कम्पोनेंट्स निर्माण परियोजना की स्थापना के लिए 240 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. वहीं फ्रांस की एयर लिक्विड कम्पनी द्वारा मथुरा में एयर सेपेरेशन-आक्सीजन उत्पादन परियोजना की स्थापना के लिए लगभग 350 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau