हाथरस मामले (Hathras Case) में हर दिन एक नए चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे है. ऐसे ही इस मामले में अब एक ऐसे शख्स का बयान सामने आया है, जो दावा करते हुए कह रहा है कि वारदात के वक्त वो घटनास्थल के कुछ दूरी पर ही मौजूद था. हाथरस कांड के चश्मदीद विक्रम सिंह नाम के युवक का कहना है कि कथित तौर से गैंगरेप पीड़िता गंभीर हालात में जिस खेत में मिली थी वो उसका ही है.
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चश्मीदद के मुताबिक, जिस दिन ये घटना घटित हुई उस दिन वो खेत में ही मौजूद था और चारा काट रहा था कि तभी कुछ देर बाद उसने एक लड़की की चीखने की आवाज सुनी और वो उस तरफ तेजी से भागा.
चश्मदीद विक्रम ने आगे बताया कि आवाज सुनकर जब वो तेजी से भागा तो देख की खेत में एक लड़की जमीन पर पड़ी थी, जिसके गले पर चोट लगी हुई थी. लड़की के पास ही उसकी मां और भाई भी मौजूद थे. ये सब देखने के बाद वो घबरा गया और भागकर लवकुश और उसकी मां को इस घटना के बारे में बताने के लिए खेत में गया और उन्हें घटनास्थल पर चलने के लिए बोला.
विक्रम ने आगे ये भी बताया कि जब वो वापस लड़की के पास पहुंचा तो वहं से उसका भाई जा चुका था. लड़की के साथ केवल उसकी मां मौजूद थी. इसके बाद लड़की की मां ने कहा कि मेरे बेटे को घर से बुला लाओ. जब वो लड़की के घर गया और उसके भाई को बताया कि चलो तुम्हारी बहन की हालत खराब है. तब लड़की के भाई ने कहा कि जब 5-6 लोग आ जाएंगे तब मैं आऊंगा.
वहीं मालूम हो कि हाथरस रेप मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है. सीबीआई की एक टीम हाथरस में दलित समुदाय की युवती के साथ कथित तौर गैंगरेप और हत्या के मामले की जांच के लिए मंगलवार को उसके गांव पहुंची. इस दौरान सीबीआई के अफसरों ने गांव के अलग-अलग इलाकों में जाकर छानबीन की. इसके बाद टीम पीड़िता के भाई से भी घंटों तक पूछताछ की.
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बता दें कि हाथरस में युवती के साथ कथित गैंगरेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को हुई सुनवाई में पीड़ित परिवार व लापरवाही बरतने के आरोपी अफसरों के बयान दर्ज कर लिए गए. मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप, मारपीट और मौत के मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने मृत युवती के परिवार के पांच लोगों के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया सहित शीर्ष अधिकारियों और हाथरस के डीएम, एसपी का पक्ष जाना.