उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने बुधवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने पीड़िता का रात में 'जबरन' अंतिम संस्कार करा दिया. बता दें कि पीड़िता का दिल्ली के सफरजंग अस्पताल में मंगलवार को मौत हो गई थी. पुलिस के इस अमानवीय व्यवहार का हर तरफ कड़ा विरोध हो रहा है. वहीं पुलिस ने हाथरस मामले में एसआईटी गठित की है और फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने का निर्देश दिया हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये एक ट्वीट के मुताबिक, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाथरस की घटना की जांच के लिये तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गयी है, जिसमें अध्यक्ष सचिव गृह, भगवान स्वरूप होंगे जबकि पुलिस उप महानिरीक्षक चंद्रप्रकाश व सेनानायक,पीएसी आगरा, पूनम सदस्य होंगे. एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी.'
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये अन्य ट्वीट के मुताबिक, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना में फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं.'
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी द्वारा हाथरस की घटना पर जांच हेतु तीन सदस्यीय SIT गठित की गई है जिसमें अध्यक्ष सचिव गृह श्री भगवान स्वरूप एवं श्री चंद्रप्रकाश, पुलिस उपमहानिरीक्षक व श्रीमती पूनम, सेनानायक पीएसी आगरा सदस्य होंगे।
SIT अपनी रिपोर्ट 7 दिन में प्रस्तुत करेगी।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 30, 2020
वहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विट करते हुए कहा, 'रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया. जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया. पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया. घोर अमानवीयता.'
उन्होंने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा, 'आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया. सीएम योगी इस्तीफा दो. आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है.'
..अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।
घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया।अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया।@myogiadityanath इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
बीएसपी सुप्रीमो मायावाती ने भी पुलिस के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा, 'यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है.'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी.'
2. अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) September 30, 2020
वहीं टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी हाथरस गैंगरेप मामले पर अपनी बात रखी है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने हाथरस में गैंगरेप को क्रूरता की हदें पार करने वाला बताते हुए उम्मीद जताई कि पीड़िता के साथ न्याय होगा. विराट कोहली ने ट्विट करते हुए लिखा है कि हाथरस में जो हुआ वह अमानवीय और क्रूरता की हद से परे है. आशा है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को सजा मिलेगी.
What happened in #Hathras is inhumane and goes beyond cruelty. Hope the culprits of this heinous crime will be brought to justice. #JusticeForManishaValmiki
— Virat Kohli (@imVkohli) September 29, 2020
गौरतलब है कि 14 सितंबर को युवती के साथ गैंगरेप की शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया था. इसके बाद आरोपियों ने उस पर जानलेवा हमला भी किया था. यह घटना चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में हुई. सोमवार को हालत बेहद गंभीर होने पर उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि मौत से पहले पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा था कि चार युवकों ने उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर उसका गला घोंटने की कोशिश की थी.
Source : News Nation Bureau