2024 तक देश में एक भी घुसपैठिया नहीं रहेगा- अनिल राजभर

अनिल राजभर ने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है. यहां से 2024 तक सारे घुसपैठियों को खदेड़ दिया जाएगा.

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Dalchand Kumar
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2024 तक देश में एक भी घुसपैठिया नहीं रहेगा- अनिल राजभर

2024 तक देश में एक भी घुसपैठिया नहीं रहेगा- अनिल राजभर( Photo Credit : फाइल फोटो)

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उत्तर प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता अनिल राजभर ने कहा कि साल 2024 तक एक भी घुसपैठिए को भारत में रहने नहीं दिया जाएगा. मंत्री ने गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि धर्म के नाम पर प्रताड़ित होने वाले अल्पसंख्यकों को जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में कठिन परिस्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं, वे भारत में आकर शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं. उनको भारत की स्थायी सदस्यता दिलाई जाएगी.

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अनिल राजभर ने कहा, 'भारत कोई धर्मशाला नहीं है. यहां से 2024 तक सारे घुसपैठियों को खदेड़ दिया जाएगा. मगर असम के लोगों को या मुस्लिमों को घबराना नहीं चाहिए.' नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर प्रवक्ता अनिल राजभर ने कहा, 'लोकसभा चुनाव के दौरान ही संकल्पपत्र द्वारा हम लोगों ने जनता को विश्वास दिलाया था कि प्रधानमंत्री मोदी को मौका दिया तो एनआरसी हम लाएंगे. हमारे संकल्पपत्र में नागरिक संसोधन बिल का उल्लेख था.'

उन्होंने कहा कि धारा 370 और 35ए समेत तमाम मुद्दे संकल्पपत्र में थे. जनता ने समर्थन दिया तो पीएम मोदी के नेतृत्व में दिल्ली की सरकार वादों को पूरा कर रही है. राजभर बोले कि गृहमंत्री जी ने पहले ही कह दिया था कि एनआरसी आएगा. भारत में घुसकर कोई रोजगार समेत अन्य चीजों पर डाका डाले, ये नहीं होगा. भारत ऐसे लोगों को बाहर करेगा.

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गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 अब कानून में बदल गया है. राष्ट्रपति ने गुरुवार देर रात इस बिल पर अपने हस्ताक्षर किए. जिसके बाद नागरिकता संशोधन विधेयक ने कानून का रूप ले लिया. इस कानून के तहत देशभर में अवैध तरीके से रहने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा. भारत में नागरिकता के लिए पात्र होने की समय सीमा 31 दिसंबर 2014 है.

Source : आईएएनएस

Uttar Pradesh CAB Citizen Amendment Bill 2019 Anil Rajbhar
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