कहते हैं ना कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो अपने जुर्म के कुछ ना कुछ सबूत छोड़ ही देता है. कई बार ये सबूत जल्द पकड़ में आ जात हैं जबकि कई बार इसमें समय लग जाता है, लेकिन अपराधी कानून के शिकंजे में आ ही जाता है. कुछ ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां अपराधियों को लगा कि उन्होंने अपने जुर्म के सभी निशान मिटा दिए हैं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि जब वो अपराध को अंजाम दे रहे थे तो एक पक्षी उनके इस क्राइम का गवाह बन बैठा. यही नहीं इस पक्षी ने कोर्ट में बकायदा गवाही भी दी है और इस पक्षी की गवाही पर कोर्ट ने दो लोगों को सजा भी सुना डाली. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
ये है पूरा मामला
ये मामला उत्तर प्रदेश का है. 9 वर्ष पहले आगरा में विजय शर्मा नाम के शख्स और पत्नी नीलम शर्मा की हत्या कर दी गई थी. 9 साल बाद इस मामले में एक तोते की गवाही के बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस कत्ल के अपराध में दो लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है.
किसको मिली सजा
तोते ने बताया कि कत्ल वाले दिन क्या हुआ और किसने इस जुर्म को अंजाम दिया. तोते की गवाही के आधार पर कोर्ट पर जिन दो लोगों को सजा वो नीलम शर्मा का भांजा आशुतोष गोस्वामी और उसका दोस्त है. कोर्ट ने इन दोनों ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 72 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
6 महीने बाद ही हो गई थी तोते की मौत
बता दें कि अपनी मालकिन के हत्यारों का खुलासा करने वाले इस तोते की मौत अपनी मालिकन के मर्डर के 6 महीने बाद ही हो गई थी. हालांकि इससे पहले तोता अपनी गवाही दे चुका था. लेकिन केस लगातार आगे बढ़ता रहा और अन्य सबूतों और गवाहों पर भी कोर्ट ने समय लिया.
तोते ने पुलिस के सामने सारे राज उगले थे. इसके बाद पुलिस ने जांच को सही दिशा मिली और दोषियों को पकड़ने में पुलिस को काफी मदद भी हुई.
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ये हुआ था खुलासा
दरअसल 20 फरवरी 2014 को विजय शर्मा अपनी बेटी और बेटे के साथ फिरोजाबाद एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे. घर में उनकी पत्नी नीलम अकेली थी. जब विजय शर्मा शादी से लौटे तो उन्होंने घर में पत्नी की लाख देखी. यही नहीं घर में ही उनका एक पालतू कुत्ता भी था उसे भी चाकू से मार दिया गया था. घर से गहने और नकदी भी गायब थी. लेकिन तोता जिंदा बच गया था और उसी ने बाद में दोनों हत्यारों का नाम उगला था.
तोता चिल्लाने लगा आशू-आशू
जब विजय शर्मा ने इस घटना को लेकर अपने तोते से पूछा तो वो आशू-आशू चिल्लाने लगा. आशुतोष को घर वाले आशू ही बुलाते थे. बताया जाता है कि भांजे आशुतोष को नीलम शर्मा अपने बेटे की तरह की रखती थी, बावजूद इसके आशू ने दोस्त के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया. सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन जुर्म अपने निशान छोड़ जाता है और किसी ना किसी रास्ते सच सामने आ ही जाता है. इस बार तोता इस गुनाह का गवाह बना और अपराधी सलाखों के पीछे गए.
HIGHLIGHTS
- तोते ने उगला हत्या का राज
- तोते की गवाही पर कोर्ट ने सुनाई सजा
- तोते ने मालकिन के हत्यारों को सलाखों तक पहुंचाया