उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के पिछड़ेपन के तमगे को पीछे छोड़ते हुए हर क्षेत्र में नये कीर्तिमान रच रहा है. इस कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के ई संजीवनी के माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श लेने में देश में यूपी दूसरे पायदान पर आ गया है. ये इस बात का सबूत है कि यहां के लोगों में डिजिटल सेवाओं के प्रति रुझान बढ़ा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना का कहर शुरू होने के बाद से ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य स्तर पर रोजाना उच्चस्तरीय बैठक की शुरूआत की थी. स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी से लेकर लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं घर बैठे ही मिले, इसके लिए भी विशेष प्रयास शुरू किए गए. नतीजतन ई संजीवनी के माध्यम से प्रदेश में रोजाना 4000 से ज्यादा लोग टेली कंसल्टेशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में ई संजीवनी सेवा की शुरूआत से 16 दिसंबर तक 2,80,552 लोग परामर्श ले चुके हैं. 16 दिसंबर को ई संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 4,184 लाभार्थियों को चिकित्सकीय परामर्श दिया गया है. राज्य के 10 टॉप टेन जिले जहां लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया उनमें मेरठ (22,655), रायबरेली (21,357), जालौन (21,083), सिद्धार्थनगर (16,878), बहराईच (13,951), प्रयागराज (13,186), फैजाबाद (11,057), बुलंदशहर (10,724), गोरखपुर (8,575), हरदोई (8,074) शामिल हैं.
प्रदेश में ई संजीवनी सेवा रोजाना सुबह नौ से शाम पांच बजे तक (रविवार को छोड़कर) उपलब्ध रहती है. इसमें सामान्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श लिया जा सकता है. ई संजीवनी ओपीडी के तहत 500 से अधिक एमबीबीएस और 40 विशेषज्ञ डॉक्टर सेवा देने के लिए उपलब्ध हैं. कंसल्टेंसी सेवा का लाभ लेने के लिए अपने स्मार्टफोन में ई संजीवनी एप्लीकेशन डाउनलोड कर किया जा सकता है. जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं, वह अपने नजदीकी क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर उपलब्ध कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श ले सकते हैं.
बता दें कि ई संजीवनी से परामर्श लेने में सबसे पहले स्थान पर तमिलनाडु और सबसे निचले पायदान पर महाराष्ट्र है.
Source : IANS