सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन रद्द करने के बाद यूपी सरकार शिक्षामित्रों को कोई रियायत देने के मूड में नहीं है।
यूपी सरकार ने साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की जाएगी। साथ ही, नवंबर के पहले सप्ताह में अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराई जाएगी।
यही नहीं, सरकार शिक्षामित्रों को 10,000 से अधिक मानदेय देने को तैयार नहीं है।
शिक्षा मित्रों के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) राज प्रताप सिंह से बातचीत की। प्रतिनिधिमंडल में आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जितेन्द्र शाही और प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रेसिडेंट गाजी इमाम शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल और अपर मुख्य सचिव(बेसिक शिक्षा) के बीच 45 मिनट तक बातचीत हुई। इससे पहले शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द कर दिया था, जिसके बाद से शिक्षा मित्र सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं।
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क्या मिला आश्वासन?
शिक्षामित्रों की मांग पर बेसिक शिक्षा विभाग नवंबर में टीईटी कराएगा। बेसिक शिक्षकों को भर्ती में शिक्षा मित्रों को अनुभव के आधार पर वेटेज देने के लिए नियमावली में संशोधन किया जाएगा।
शिक्षा मित्रों को शिक्षकों की भर्ती के लिए शैक्षिक गुणांक उनके अनुभव के आधार पर हर साल 2.5 अंक के हिसाब से वेटेज देने का प्रस्ताव रखा गया, जिसकी अधिकतम सीमा 25 अंक तक होगी।
टीईटी के आयोजन से पहले नियमावली में संशोधन कर जहां शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट देने का प्रावधान रद्द किया जाएगा। वहीं उन्हें वेटेज देने का प्रावधान जोड़ा जाएगा। जुलाई का वेतन जारी होने का आश्वासन दिया गया है।
प्रस्ताव मंजूर नहीं
शिक्षामित्र भी आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि शासन का प्रस्ताव हमें मंजूर नहीं है।13 अगस्त को वे प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक करेंगे, जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
वहीं संयुक्त सक्रिय शिक्षक शिक्षामित्र समिति के प्रदेश अध्यक्ष दीनानाथ दीक्षित और संरक्षक दुष्यंत चौहान ने कहा कि सरकार कानून बना कर शिक्षामित्रों को राहत दे सकती है, लेकिन इस पर विचार नहीं किया जा रहा है। इसलिए 17 अगस्त को प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक शिक्षामित्र राजधानी में प्रदर्शन करेंगे।
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क्या है पूरा मामला?
यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया।कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, '1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्रों की असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई नियुक्ति अवैध है।'
वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।
बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी।
जस्टिस ए.के गोयल और जस्टिस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से प्रदेश भर के शिक्षामित्रों ने कार्य बहिष्कार करते हुए प्रोटेस्ट किया था।
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HIGHLIGHTS
- शिक्षामित्रों को 10,000 से अधिक मानदेय नहीं
- बेसिक शिक्षा विभाग नवंबर में कराएगा टीईटी
- अनुभव के आधार पर हर साल 2.5 अंक के हिसाब से वेटेज देने का प्रस्ताव
Source : News Nation Bureau