सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद और सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद यूपी के शिक्षामित्रों ने गुरुवार को फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। पूर्वांचल समेत राज्य के कई जिलों में शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच सरकार ने भी किसी भी परिस्थति से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है।
अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह से हुई बातचीत की विफलता के बाद शिक्षामित्रों ने घोषणा की है कि वे अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, 17 से 19 अगस्त तक जिलों में आंदोलन करेंगे और 21 अगस्त से लखनऊ में मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि समायोजित शिक्षामित्र अभी तक मिल रहे वेतन को ही मानदेय के रूप में दिए जाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों के आंदोलन की घोषणा के बाद अपर मुख्य सचिव आर.पी. सिंह ने बुधवार को शिक्षामित्र संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया था।
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आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने बताया, 'हमें 'समान काम, समान वेतन' से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में गोरखपुर में एक सभा में कहा था कि सरकार अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को शिक्षक का दर्जा दे, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह अपनी बात भूल रहे हैं।'
वहीं दूसरी तरफ सरकार ने भी आंदोलन से निपटने की पूरी तैयारी कर रखी है। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया था कि प्रदेश के हर शिक्षामित्र के साथ न्याय होगा।
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HIGHLIGHTS
- 21 अगस्त से लखनऊ में मांगें पूरी होने तक व्यापक प्रदर्शन जारी रखेंगे
- शिक्षामित्र 17 से 19 अगस्त तक विभिन्न जिलों में आंदोलन करेंगे
Source : IANS