उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संकल्पबद्ध हैं. योगी सरकार (Yogi Government) की नीतियों और योजनाओं के कारण आज प्रदेश के सभी बच्चों के कदम शिक्षा के पथ पर तेजी से अग्रसर हैं. प्रदेश में बेसिक शिक्षा की सुविधा में इजाफा करते हुए योगी सरकार ने लगभग 2.65 लाख विद्यालयों को संचालित किया. प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2020-21 में विद्यालयों में ‘स्कूल चलो अभियान’ (School Chalo Abhiyan) के तहत लगभग 1.85 करोड़ बच्चों का नामांकन कराया गया जा चुका है. प्रदेश में सभी परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सरकार की ओर से नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, स्कूल बैग, जूता-मोजा व स्वेटर दिया जा रहा है. ताकि वो आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न रह जाएं.
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प्रदेश में गुणवत्तापरक शिक्षा के संकल्प को सिद्ध करते हुए प्रदेश सरकार ने लगभग 1.20 लाख से अधिक सहायक अध्यापकों की भर्ती की गई है. परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को तकनीक आधारित शिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लगभग पांच हजार स्मार्ट क्लास प्रदेश में बनाए गए हैं. ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प करते हुए इन सभी को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है.
प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देते हुए कुल 1,151 संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के जरिए 88.29 हजार छात्र-छात्राओं को संस्कृत शिक्षा दी जा रही है. कोरोना काल में शैक्षिक गतिविधियों के संचालन के लिए योगी सरकार ने मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के वृहद् कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है. जिसमें डिजिटल व अन्य संचार के माध्यमों से बच्चों को शिक्षा देने का कार्य किया जा रहा है. जिसके तहत दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण, व्हाट्सएप क्लासेज और मिशन प्रेरणा यू-ट्यूब चैनल शामिल हैं. शैक्षिक सत्र 2020- 21 में व्हाट्सएप (WhatsApp) वर्चुअल कक्षाएं (Virtual Classes) संचालित की जा रही हैं. जिनके तहत शिक्षकों और छात्र छात्राओं के 29.06 लाख ग्रुप बनाए गए हैं जिससे अब तक 67.73 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं.
Source : News Nation Bureau