वाराणसी के एक बड़े भूमिहार चेहरे अजय राय को कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है. कांग्रेस ने बीते दिनों लगातार यूपी में प्रयोग कर प्रदेश की सत्ता में वापसी की कोशिश करने में लगी है. वह करीब साढ़े तीन दशक तक सत्ता से दूर रही है. पार्टी को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. अजय राय कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं. कांग्रेस ये मानकर चल रही है कि अजय राय पार्टी के अंदरूनी कलह को निपटा कर भाजपा को कड़ी टक्कर देंगे. अजय राय इस बार दावा कर रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद वे विपक्ष को वापस पुराने स्थान पर भेज देंगे.
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अजय राय प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार वाराणसी पहुंचे और उन्होंने कहा कि 2024 में कांग्रेस की जीत है. इसे कोई रोक नहीं सकता हमारी पहली प्राथमिकता है संगठन मजबूत करने की जिसकी शुरुआत हम आज से करने जा रहे हैं. कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय राज्य वाराणसी पहुंचे तो उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने की उनके ऊपर जिम्मेदारी है.
इस जिम्मेदारी को वह भली-भांति निभांएगे. इसकी शुरुआत वह आज से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भीड़ उमड़ी है स्वागत के लिए इससे यह साफ पता चलता है कि कांग्रेस का संगठन किस तरह से मजबूत है.
अजय राय के अध्यक्ष बनने के बाद यूपी में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की अलग रणनीति पर चर्चा आरंभ हो गई है. गौरतलब है कि I.N.D.I.A. में कांग्रेस के साथ-साथ अखिलेश यादव और जयंत चौधरी भी हैं. अखिलेश वर्तमान समय में माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण को ताकतवर बनाने के साथ-साथ इसमें गैर यादव पिछड़ों को साधने में लगे हैं.
ऐसे में अखिलेश की राजनीति में कांग्रेस बाधा पहुंचाने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है. कांग्रेस अजय राय को आगे कर सवर्णों को साधने का प्रयास कर रही है. दरअसल, यूपी में भूमिहार वर्ग की पकड़ ब्राह्मण और राजपूत दोनों वोट बैंक पर होती है. अपनी इसी सामाजिक पकड़ का लाभ लेकर अजय राय भाजपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंधमारी का प्रयास कर सकते हैं.
Source : News Nation Bureau