बनारसी लंगड़ा आम, गाजीपुर का परवल, सोनभद्र की हरी मिर्च, जौनपुर की मूली तथा अमरोहा के आम तथा सब्जी का स्वाद अब दुनिया के कई देशों के लोग ले सकेंगे. यूपी सरकार द्वारा किसानों की आय में इजाफा करने के लिए वाराणसी तथा अमरोहा में बनाए जा रहे इंटीग्रेटेड पैक हाउस (एकीकृत पैक हाउस) के कारण यह संभव होगा. इन इंटीग्रेटेड पैक हाउस का निर्माण इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा. इन इंटीग्रेटेड पैक हाउस के शुरू होने पर वाराणसी के समीप वाले 13 जिलों और अमरोहा से नजदीक के सात जिलों के किसानों की आमदनी में इजाफा होगा. यहीं नहीं वाराणसी तथा अमरोहा जिले को सब्जी और फल निर्यात नए हब के रूप में भी देश में जाना जाने लगेगा. बीते साल इन्होने फल-सब्जियों के निर्यात को सुगम बनाने के लिए प्रदेश के दस जिलों में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाने का निर्णय लिया गया था. एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथरिटी) ने इनको बनाने के लिए आर्थिक सहयोग देने का ऐलान भी किया था. मुख्यमंत्री योगी की पहल के बाद शुरू हुई इस कवायद के तहत प्रदेश के ऐसे जिले जहां फल या सब्जी का बहुतायत में उत्पादन होता है, उनमें इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाने के लिए राज्य मंडी परिषद आगे आया है.
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वाराणसी के इंटीग्रेटेड पैक हाउस से मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ , प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, गोरखपुर, अंबेडकरनगर, देवरिया और कौशांबी के किसान अपने फल तथा सब्जी इंटीग्रेटेड पैक हाउस के जरिए देश तथा विदेश में भेज सकेंगे. जबकि अमरोहा के इंटीग्रेटेड पैक हाउस के जरिए के जरिए मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, बरेली, संभल और हापुड़ के किसान अपने खेत में उगाई सब्जी तथा फल देश और विदेश में भेज सकेंगे. अधिकारियों के अनुसार, "अमरोहा जिले में करीब 12 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम के बाग हैं. जिले की कुल पैदावार में से करीब दो हजार मीट्रिक टन आम दूसरे राज्यों व विदेश में भेजा जाता है. खाड़ी देशों में अमरोहा आम खूब पसंद किया जाता है. इसी प्रकार वाराणसी के लंगड़ा आम को संसार भर में पसंद किया जाता है. वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, चंदौली और संतकबीर नगर क्षेत्र में विदेशियों की पसंदीदा सब्जियां व फल होते हैं. वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश से 277़ 98 करोड़ रुपये के फल और सब्जी का निर्यात हुआ था." बीते साल भी वाराणसी तथा उसके आसपास के जिलों से कई टन भिंडी, हरी मिर्च, लौकी, तोरई, बैगन तथा मूली लन्दन, इटली, जर्मनी और दुबई भेजी गई. अधिकारियों का कहना है कि वाराणसी तथा अमरोहा में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बन जाने के बाद इन जिलों से विदेशों में फल तथा सब्जी के निर्यात में कई गुना इजाफा होगा और किसानों को आमदनी भी इसी अनुपात में बढ़ेगी.
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अधिकारियों के अनुसार, "वाराणसी तथा अमरोहा में बनाए जा रहे इंटीग्रेटेड पैक हाउस आधुनिक तकनीक से लैस होंगे. इनमें एमआरएल टेस्ट मशीनें लगी होंगी. एमआरएल टेस्ट मशीनों से यह पता चलता है कि किसी कृषि उत्पाद को पैदा करने में कितने रसायनों प्रयोग किया गया है. इंटीग्रेटेड पैक हाउस से इसके बारे में प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही कृषि उत्पादों का निर्यात सम्भव हो पाता है. इंटीग्रेटेड पैक हाउस के जरिए आम, आंवला, बेर, भिंडी, हरी मिर्च, करेला, लौकी, बैगन, मटर, गोभी, गाजर, खीरा, ग्वार फली, सिंघाड़ा, चुकंदर आदि फल एवं सब्जियों का निर्यात किया जा सकेगा. दुबई, शारजाह, दोहा, कुवैत, ओमान, ईरान, इराक, कतर, बहरीन, यूके, मलेशिया, इटली, जर्मनी, रूस, जापान तथा अन्य यूरोपीय देशों को इन पैक हाउस से साल भर फल और सब्जी भेजी जा सकेंगी. वाराणसी और अमरोहा के अलावा प्रतापगढ़, बरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, अयोध्या, झांसी, अलीगढ़ में भी जल्दी ही इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाएंगे."
HIGHLIGHTS
- इंटीग्रेटेड पैक हाउस का निर्माण इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा
- प्रदेश के दस जिलों में इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाने का निर्णय लिया गया था
- वाराणसी तथा अमरोहा में बनाए जा रहे इंटीग्रेटेड पैक हाउस आधुनिक तकनीक से लैस होंगे
Source : IANS