आसमान कुछ इस तरह से आग उगल रहा है की काशी में मोक्ष की कामना को लेकर आने वाले लोगों को भी घंटो इंतजार करना पड़ रहा है. अब तक गर्मी से सिर्फ इंसान परेशान थे पर अब मुर्दे भी परेशान है क्योंकि काशी में माहा शमशान में सौदा करने के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. आलम यह है कि 44 डिग्री की गर्मी में काशी के वहां शमशान में शवो का अंबार दिखाई दे रहा है तो दूसरी तरफ शवदाह करने वाले लोग अलग से परेशान है. काशी जिसे मोक्ष की नगरी कहा जाता है मान्यता है की यहां के महाश्मशान में जिसका शवदाह होता है उसे मुक्ति मिलती है पर बढ़ती गर्मी ने यहां मुक्ति की राह को भी मुश्किल कर दिया है काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शवदाह करने आए लोग खासे परेशान है लंबी लाइन लगी है शवदाह करने वालो की.
शवदाह करने आए लोग
वाराणसी के महा शमशान मणिकर्णिका घाट पर आलम यह है कि शवदाह करने के लिए जो लोग आ रहे हैं उन्हें घंटो इंतजार करना पड़ रहा है अपने परिजनों के शव को जलाने के लिए उन्हें लगभग 4 से 5 घंटे का इंतजार तो करना पड़ ही रहा है. साथ ही इस 44 डिग्री के टेंप्रेचर में अपने लिए भी छांव खोजना उनके लिए सबसे बड़ी मुश्किल साबित हो रही है.
काशी के महाश्मशान में देश भर से लोग शव लेकर आते है ताकि मरने वाले को मोक्ष मिल सके अमूमन यह 50 से 60 शव आते है पर इस भीषण गर्मी में इसकी संख्या बढ़कर 100 हो गई है. इसकी वजह से शवदाह करने में बहुत समय लग रहा है बाबा मशानशानाथ मंदिर के अध्यक्ष बताते है की शव जलाने वाला प्लेटफार्म खाली नहीं है और शव जलाने में वाले डोम की भी कमी है. जिसकी वजह से लोगो को घंटो इंतजार करना पड़ रहा है. गंगा घाट पर गर्मी का कहर इतना है की को लोग अपने परिजन का शवदाह करने तो आए है पर शव को धूप में रखकर अपने छाव में खड़े हैं यह तक की धूप का कहर इतना की श्मशान में लोगों को छाव तक ठीक से नहीं मिल रही और न ही पीने का पानी है.
Source : News Nation Bureau