वाराणसी में चल रहे जीआई महोत्सव में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ-साथ दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के क्षेत्र विशिष्ट जीआई-टैग उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है. दीन दयाल उपाध्याय व्यापार सुविधा केंद्र में पहली बार छह दिवसीय कार्यक्रम में सिलाओ का खाजा, आरा उदवंत नगर का खुर्मा, सीतामढ़ी की बालूशाही, गया तिलकुट, बनारस लाल पेड़ा और बनारस तिरंगी बर्फी से लेकर विश्व प्रसिद्ध बनारसी ब्रोकेड, कुल्लू शॉल, जयपुर ब्लू पॉटरी जैसे उत्पाद शामिल हैं.
जीआई विशेषज्ञ पदम श्री रजनीकांत ने कहा, वाराणसी जिला प्रशासन के सहयोग से केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा आयोजित, प्रदर्शनी में जीआई-टैग उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले 100 स्टाल हैं.
जीआई प्रमोशन, सर्टिफिकेशन को सुविधाजनक बनाने और इस कार्यक्रम के आयोजन में भी जीआई विशेषज्ञ पदम श्री रजनीकांत की महत्वपूर्ण भूमिका है.
उन्होंने कहा कि जीआई-टैगिंग उत्पादकों, कारीगरों को प्रोत्साहित करती है और विपणक को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए प्रेरित करती है.
इलाहाबादी सुरखा अमरूद, कोटा डोरिया साड़ी, मधुबनी पेंटिंग, माहेश्वरी साड़ी, उत्तराखंड ऐपन आर्ट, उत्तराखंड थुलमा, सांगानेर हैंड ब्लॉक प्रिंट, कन्नौज परफ्यूम, बनारस गुलाबी मीनाकारी, फिरोजाबाद ग्लास क्राफ्ट, बनारस सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क, चंबा रुमाल, कश्मीर पश्मीना, चंबा चप्पल, कश्मीर कनी शॉल, मंजूषा कला, बगरू हैंडब्लॉक प्रिंट, बनारस ब्लॉक प्रिंट, मुरादाबाद पीतल, पंजाब फुलकारी, चंदेरी साड़ी दुपट्टा, एमपी का बाग प्रिंट और राजस्थान के थेवा आर्ट ज्वैलरी प्रदर्शनी का प्रमुख आकर्षण हैं.
इस कार्यक्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश और वाराणसी क्षेत्र से बड़ी भागीदारी है, जहां से 18 जीआई टैग वाले शिल्प प्रदर्शित किए गए हैं.
प्रतिभागियों को इस जीआई-महोत्सव में अच्छे व्यापार की उम्मीद है, क्योंकि यह दिवाली से पहले आयोजित किया गया है.
Source : IANS