वाराणसी: 'नमामि गंगे' परियोजना की टीम ने गंगा की सफाई अभियान चलाया

'नमामि गंगे' परियोजना टीम के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि, गंगा नदी में पानी के ठहराव के कारण शैवाल बढ़ गए थे. उन्होंने बताया कि नदी के गहरे इलाकों में स्थिति अभी भी बेहतर है.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
ganga cleaning

गंगा सफाई करते 'नमामि गंगे' परिजना के कार्यकर्ता( Photo Credit : एएनआई ट्विटर)

Advertisment

दिल्ली से वाराणसी आई 'नमामि गंगे' परियोजना की टीम ने गंगा सफाई का अभियान चलाया. टीम के अधिकारियों से जब मीडिया ने बातचीत की तो उन्होंने गंगा के पानी के हरे होने की वजह बताई. 'नमामि गंगे' परियोजना टीम के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि, गंगा नदी में पानी के ठहराव के कारण शैवाल बढ़ गए थे. उन्होंने बताया कि नदी के गहरे इलाकों में स्थिति अभी भी बेहतर है. अधिकारियों ने बताया कि गंगा सफाई का अभियान चलाने के बाद से पानी के गुणवत्ता में अंतर नजर आना शुरु हो जाएगा. 

इसके पहले उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गंगा नदी के पानी के रंग में परिवर्तन होने की वजह से हलचल मच गई थी. गंगा नदी में कहीं पानी हरे रंग का तो कहीं पर नीले रंग का हो गया था. स्थानीय लोगों ने जब गंगा नदी के पानी का रंग बदलते हुए देखा तो लोगों के मन में तरह-तरह के भ्रम उत्पन्न होने लगे. जानकारों ने बताया कि ऐसा परिवर्तन होने के पीछे गंगा के पानी में वानस्पतिक रासायन हो सकते हैं. जब इस मामले में 'नमामि गंगे' के नोडल अधिकारी जीसी त्रिपाठी से जब बातचीत की गई तब उन्होंने बताया कि कुछ वानस्पतिक रसायन एसटीपी के जरिये गंगा में पहुंच गए हैं, जिसकी वजह से ऐसा हुआ है.

इसके बाद वहां के लोगो ने बताया कि उनके मन में तरह-तरह के भ्रम उत्पन्न होने लगे. जानकारों ने बताया कि ऐसा परिवर्तन होने के पीछे गंगा के पानी में वानस्पतिक रासायन हो सकते हैं. जब इस मामले में 'नमामि गंगे' के नोडल अधिकारी  से जब बातचीत की गई तब उन्होंने बताया कि कुछ वानस्पतिक रसायन एसटीपी के जरिये गंगा में पहुंच गए हैं. जिसकी वजह से ऐसा हुआ है.  

जीसी त्रिपाठी ने बताया कि वानस्पतिक रासायनों की वजह से जगह-जगह गंगा नदी में शैवाल उत्पन्न हो गए हैं जिसकी वजह से गंगा का पानी हरा दिखाई देने लगा है. दरअसल ये हरी शैवाल की वजह से पानी हरा दिखाई देता है अगर हम पानी को हाथ में लेकर देखें तो पानी का रंग पहले जैसा ही दिखाई देगा. उन्होंने बताया कि गंगा के पानी में ऑक्सीजन बहुत मात्रा में पाई जाती है जिसकी वजह से शैवाल उस ऑक्सीजन को खींच ले रही है और गंगा के पानी में ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो रहा है.

Source : News Nation Bureau

वाराणसी Ganga River दिल्ली गंगा नदी Namami Gange Project Delhi Team Ganga Cleaning Campaign गंगा सफाई अभियान नमामि गंगे टीम
Advertisment
Advertisment
Advertisment