वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर के साथ वरुणा नदी भी उफान पर है, जिसके कारण वरुणा नदी में बने करोड़ों की लागत से बने वरुणा कॉरिडोर जल समाधि ले चुका है. आलम ये है 201 करोड़ रुपये की लागत से 12 किलोमीटर तक वरुणा कॉरिडोर का निर्माण किया गया था, वहां सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. इस कॉरिडोर का निर्माण सात साल पहले किया गया था, पर जब भी बाढ़ का पानी बढ़ता है, तो ये कॉरिडोर पानी में समा जाता है. जिसकी वजह से लगातार इस कॉरिडोर की हालत खराब होती जा रही है. इस तक पहुंचने वाली सड़कें भी पानी में बह चुकी हैं.
गंगा के बढ़ते जलस्तर का असर वरुणा पर
दरअसल, सहायक नदियों में पानी बढ़ने के कारण गंगा में पानी तेजी से बढ़ा और पानी खतरे के निशान के चेतावनी बिंदु तक पहुंच गई. इसका असर वाराणसी के वरुणा नदी पर भी पड़ा और हमेशा सूखी रहने वाली वरुणा नदी में जल प्रलय जैसी स्थिति बन गई. जिससे अखिलेश सरकार में 201 करोड़ की लागत से बना वरुणा कॉरिडोर पानी में बहता हुआ दिखाई दे रहा है.
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करीब 12 किमी का कॉरिडोर, लेकिन हालत खराब
वाराणसी के शास्त्री घाट से पुराने पुल तक बने कॉरिडोर की लंबाई लगभग बारह किलोमीटर है. मौजूदा समय में ये पूरा का पूरा कॉरिडोर ही पानी में जलमग्न नजर आ रहा है. ऐसे में जब वरुणा नदी का गुस्सा शांत होगा, तब तक तो कॉरिडोर की हालत बेहद खराब हो चुकी होगी.
कॉरिडोर से कोई फायदा नहीं
स्थानीय लोग बताते है कि इस कॉरिडोर को सिर्फ नाम के लिए बनाया गया. इसका कोई फायदा आम आदमी को नहीं मिलता. क्योंकि जब बाढ़ नहीं भी रहती है, तब भी कोई यहां बैठ नहीं सकता. यहां गंदगी का अंबार रहता है. चारों तरफ फैली बदबू की वजह से लोग यहां आते ही नहीं है. और अब तो पानी की वजह से कॉरिडोर ही नहीं, सड़क तक पूरी तरह से बह गई है.
HIGHLIGHTS
- बाढ़ के पानी में डूबा वरुणा कॉरिडोर
- करीब 10 किमी लंबा कॉरिडोर का निर्माण कार्य बर्बाद होने की कगार पर
- शास्त्री घाट से पुराने पुल तक बना है वरुणा कॉरिडोर