अयोध्या (Ayodhya) मामले में फैसले की घड़ी नजदीक आते ही हिंदू संगठनों ने अयोध्या में हलचल तेज कर दी है. अयोध्या के विवादित परिसर में दीपोत्सव मनाने को लेकर सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रिसीवर कमिश्नर से मुलाकात कर उनसे अनुमति मांगी. वीएचपी इस मांग को प्रशासन ने मामने से इंकार कर दिया है. अब वीएचपी आगे की रणनीति पर विचार कर रही है.
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई चल रही है. अगले एक महीने में इस मामले में फैसला आने की उम्मीद है. हिंदू संगठन पहले से ही अपने पक्ष में फैसला आने की उम्मीद कर रहे हैं. इसी को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने कोर्ट के फैसले से पहले दिवाली पर अयोध्या के विवादित स्थल पर दीपोत्सव मनाने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी. राम मंदिर के रिसीवर कमिश्नर मनोज मिश्र ने मामले पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्पष्ट किया और कहा कि यहां पर परंपरागत कार्यक्रमों के अलावा किसी अन्य उत्सव की अनुमति नहीं दी जा सकती. मनोज मिश्र ने कहा कि अगर विहिप चाहे तो सुप्रीम कोर्ट जा सकती है. इससे पहले वीएचपी के दीपोत्सव कार्यक्रम को लेकर मुस्लिम पक्ष अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कर चुकी है.
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सोमवार को कमिश्नर से की थी मुलाकात
अयोध्या में दीपोत्सव मनाने को लेकर विहिप के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मंदिर के रिसीवर कमिश्नर से अनुमति मांगने के लिए मुलाकात की थी. कमिश्नर के विवादित स्थल पर दीपदान की अनुमति न देने से खफा विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि संतों से बातचीत के बाद आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल में मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा सहित कई अन्य संत शामिल रहे.
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अयोध्या में लगी है धारा 144
प्रशासन ने अयोध्या पर फैसले से पहले शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू कर दी है. इसके पीछे एक वजह विश्व हिंदू परिषद (VHP) के दीपोत्सव मनाने की मांग को भी माना जा रहा है. मुस्लिम पक्ष भी इस मांग पर अपनी आपत्ति जता चुका है. मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने साफ कहा है कि विवादित परिसर में अगर विश्व हिंदू परिषद को दीपदान करने की अनुमति मिलती है, तो मुस्लिम समाज भी विवादित परिसर में नमाज पढ़ने की अनुमति की मांग करेगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो