विकास दुबे के राइट हैंड अमर दुबे को यूपी STF ने मुठभेड़ में मार गिराया

आज तड़के यानि बुधवार को यूपी पुलिस और एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली. स्थानीय पुलिस और एसटीएफ ने मुठभेड़ में विकास दुबे गैंग के शातिर अपराधी अमर दुबे को मार गिराया.

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Sushil Kumar
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विकास दुबे के साथ अमर दुबे ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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आज तड़के यानि बुधवार को यूपी पुलिस और एसटीएफ (STF) को बड़ी कामयाबी मिली. स्थानीय पुलिस और एसटीएफ ने मुठभेड़ (Encounter) में विकास दुबे गैंग के शातिर अपराधी अमर दुबे को मार गिराया. पुलिस ने जनपद हमीरपुर मौदहा थानाक्षेत्र में हुई मुठभेड़ में ढेर किया. वारदात के 5 दिन बाद युपी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली. यूपी पुलिस ने अमर दुबे को मौत के घाट उतार दिया. साथ ही अपने साथी पुलिसकर्मी की शहादत का बदला ले लिया. लेकिन वारदात के इतने दिनों बाद भी मुख्य आरोपी विकास दुबे फरार है. यूपी पुलिस अभी तक उसको गिरफ्तार नहीं कर सकी है. हालांकि कल पुलिस को बिजनौर में आखिरी लोकेशन मिली थी, जिससे पता रहा था कि अब विकास दुबे पुलिस की गिरफ्त से दूर नहीं. लेकिन अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है. 

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पुलिस ने 15 वांछितों के नाम और फोटो बना पोस्टर जारी किए

वहीं कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत का आरोपी विकास दुबे के सहयोगियों के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रह है. पुलिस ने 15 वांछितों के नाम और फोटो बना पोस्टर जारी किए. सभी साथियों के नाम और फोटो जारी किए. वहीं दूसरी तरफ विकास दुबे के साथी जय वाजपेयी के घर पुलिस पहुंची. उसके घर पर पुलिस सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. जय वाजपेयी, विकास दुबे के बेहद क्लोज फ्रेंड है. पुलिस विकास के बारे में उससे पूछताछ कर रही है. जय वाजपेयी के निजी कार्यक्रमों में विकास दुबे शामिल होता था. माना जा रहा है कि जय वाजपेयी ही विकास को लग्जरी गाड़ियां उपलब्ध कराता था. जय वाजपेयी की 3 लग्जरी गाड़िया (ऑडी, फार्च्यूनर, वर्ना) पुलिस ने काकादेव से दो दिन पहले लावारिस हाल में बरामद की थी. फिलहाल जय से STF पूछताछ कर रही है.

कौन है जय वाजपेयी

सिर्फ़ कुछ साल में एक आम आदमी से करोड़पति बने जय को पूछताछ के लिए एसटीएफ ले गई है. तीन दिन से ज़िला पुलिस विकास को लेकर पूछताछ कर रही थी. उसके घर से लग्जरी गाड़ियां पकड़ी गई हैं. जय का पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज की भी जांच एसटीएफ कर रही है.

1. 2012-13 में प्रिंटिंग प्रेस में 4 हज़ार की नौकरी करता था और एक पान की दुकान में पार्टनरशिप थी.

2. 2013-14 में विकास दुबे से नजदीकी बढ़ी

3. 2014-15 में जय वाजपेयी जमीनों की खरीद फरोख्त करने लगा. विकास के टेरर के बल पर विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त में मोटा पैसा कमाया

4. 2015-16 में नेहरू नगर-ब्रहमनगर, पी रोड आदि मार्केट में ब्याज पर रुपये बांटने और ब्याज का काम शुरू किया.

5. 2016-17 में कई मकान और फ्लैट का मालिक बन गया

6. 2017-18 में अब तक करोड़ों की चल-अचल संपत्ति बना चुका है. इसी बीच लखनऊ-कानपुर रोड पर एक बेनामी पेट्रोल पम्प बनाया. (इसकी पुष्टि अभी बाकी है)

7. 2019-20 (जून तक) जय वाजपेयी कानपुर के उभरते हुए समाजसेवी और तथाकथित ब्राह्मण नेता के रूप में उभरने लगा.

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