विकास दुबे का फायनेंसर जय बाजपेयी गिरफ्तार, दुबई-थाईलैंड में है 30 करोड़ की संपत्ति

विकास दुबे के फायनेंसर जय बाजपेई को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उससे अब लंबी पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि जय बाजपेई विकास दुबे को कारतूस सप्लाई करता था.

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Sushil Kumar
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जय वाजपेयी विकास दुबे के साथ

विकास दुबे जय बाजपेयी( Photo Credit : फाइल फोटो)

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विकास दुबे के फायनेंसर जय बाजपेई को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उससे अब लंबी पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि जय बाजपेई विकास दुबे को कारतूस सप्लाई करता था. जय बाजपेई के खिलाफ आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का षड्यंत्र रचने और आर्म्स एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है. जय बाजपेई को सोमवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया जाएगा. जय कानपुर से लेकर विदेश तक अरबों की बेनामी संपत्ति जुटा ली और आयकर विभाग को पता भी नहीं चला. जय बाजपेई की दुबई, थाईलैंड में 30 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

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 इनकी कीमत लगभग 28 करोड़ रुपये

कानपुर शहर के अंदर ब्रह्मनगर में छह मकान, आर्यनगर के एक अपार्टमेंट में आठ फ्लैट और पनकी में एक ड्यूप्लैक्स कोठी है. इनकी कीमत लगभग 28 करोड़ रुपये है. जय और विकास के बीच बैंक के जरिए लेनदेन के ठोस सबूत मिल चुके हैं. वहीं जय ने सोशल मीडिया पर दो किलो सोने से लदी अपनी और बच्चे की तस्वीर कुछ दिन पहले पोस्ट की थी. 3500 रुपये की नौकरी करने वाला कुछ ही सालों में करोड़पति बन गया. गैंगस्टर विकास दुबे का कथित रूप से फायनेंसर और कानपुर का व्यापारी जय बाजपेयी रविवार रात गिरफ्तार हो गया है. जय पर आरोप है कि उसने बिकरू गांव में 2-3 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे और उसके साथियों को गोला-बारूद उपलब्ध कराया था. इसके अलावा मारे गए एक अन्य गैंगस्टर बउआन दुबे का बहनोई प्रशांत शुक्ला उर्फ डबलू भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके मोबाइल की लोकेशन से पता चला है कि घटना की रात वह बिकरू गांव में मौजूद था. 

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आर्म्स एक्ट और अपराधिक साजिश की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज

कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु के अनुसार, जय बाजपेयी और डबलू पर आर्म्स एक्ट और अपराधिक साजिश की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. एसएसपी ने कहा कि उनके घर की तलाशी के दौरान 20 से अधिक कारतूस गायब पाए गए और जय बाजपेयी लापता गोला बारूद के बारे में नहीं बता सका. सूत्रों ने कहा है कि नरसंहार की जांच करने वाले विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को यह भी पता चला है कि जय बाजपेयी ने अपराध करने के बाद आरोपियों को घटनास्थल से भगाने में मदद करने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी की थी. बाद में तीन लग्जरी कारें भी कानपुर में मिली थीं.

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पुलिस ने जय बाजपेयी को उठा लिया था और उनसे गहन पूछताछ की गई

कथित तौर पर तीन जुलाई की घटना के एक दिन बाद ही पुलिस ने जय बाजपेयी को उठा लिया था और उनसे गहन पूछताछ की गई थी. रिपोटरें के अनुसार, पिछले एक साल में जय और विकास के बीच छह बैंक खातों के माध्यम से 75 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है. कथित तौर पर दोनों सट्टेबाजी के खेल में भी पैसा लगा रहे थे. सूत्रों के मुताबिक जय बाजपेयी ने विकास दुबे और कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के बीच मीडिएटर का काम किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम आगे की जांच के लिए यह सारी जानकारी इनकम टैक्स और ईडी को दे रहे हैं."

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