विकास दुबे (Vikas Dubey) को उज्जैन से यूपी एसटीएफ लखनऊ ला रही थी. विकास को आज कोर्ट में पेश किया जाना था. देशभर का मीडिया कोर्ट के पास डेरा जमाए बैठा. मीडियाकर्मी उज्जैन से ही एसटीएफ का पीछा कर रहे थे. इसी बीच नाटकीय मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत ने हैदराबाद एनकाउंटर (Hyderabad Encounter) की मौत की यादें ताजा कर दी. जिस तरह दिन निकलते ही विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया, कुछ ऐसे ही हैदराबाद में वैटनरी डॉक्टर के गैंगरेप और उसे जिंदा जलाने के चार आरोपियों का एनकाउंटर किया गया था.
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विकास दुबे पर सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की मौत का आरोप था. 2 जुलाई को हुए कानपुर कांड के बाद से ही विकास दुबे फरार था. गुरुवार को विकास दुबे का नाटकीय तरीके से उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया. जिन पस्थितियों में विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया उस पर लगातार सवाल उठ रहे थे. वहीं विकास की गिरफ्तारी को यूपी पुलिस की नाकामी के रूप में भी देखा जा रहा था. हालांकि एडीजी प्रशांत कुमार ने दो दिन पहले ही मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि पुलिस विकास दुबे के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेगी जिससे उसे पछताना पड़ेगा.
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कैसे हुआ हैदराबाद एनकाउंटर
वेटनरी डॉक्टर दिशा के साथ गैंगरेप और हत्या मामले के चारों आरोपियों का पिछले साल 6 दिसंबर को एनकाउंटर किया गया. पुलिस उन्हें सीन रीक्रिएट करने मौके पर ले गई थी. सुबह करीब 6 बजे के आसपास एनकाउंटर में मार गिराया था. पुलिस मामले में सबूत इकट्ठा करने के लिए सभी आरोपियों को उसी जगह लेकर गई थी, जहां उन्होंने महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस का कहना था कि आरोपी पुलिस की पिस्टल छीनकर भाग रहे थे. आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग भी की जिसके बाद पुलिस ने उन्हें ढेर कर दिया. इस एनकाउंटर पर सवाल भी उठे. अब यह मामला कोर्ट में है.
Source : News Nation Bureau