विकास दुबे के कैशियर जय बाजपेयी की अवैध चल-अचल संपत्ति को आज मजिस्ट्रेट की अगुवाई में सील कर दिया गया. जय की करीब 11 संप्तियों जिनकी कीमत करीब 40 करोड़ बताई जा रही है. उसको सील करने की प्रक्रिया पूरी की गयी है. इस दौरान परिवार में खासा गुस्सा दिखा. जय बाजपेयी के परिवार ने न्यूज़ स्टेट से EXCLUSIVE बातचीत में सभी आरोपों को निराधार बताया.
ये हैं बिकरू नरसंहार के मुख्य कारण
वहीं कुछ दिन पहले चित्रकूट से गिरफ्तार किए गए विकास दुबे का सहयोगी बाल गोविंद दुबे ने स्वीकार किया कि वह और उसका दामाद विनीत 3 जुलाई को हुए बिकरू नरसंहार के मुख्य कारण थे. इस हत्याकांड में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. बाल गोविंद दुबे ने एसटीएफ को बताया कि विकास दुबे के खिलाफ शिकायत करने वाले राहुल तिवारी का उसके दामाद विनीत के साथ संपत्ति का झगड़ा चल रहा था. इसी एफआईआर पर बिकरू पुलिस छापेमारी करने गई थी और उसने विकास दुबे के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था. एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संपत्ति को लेकर विवाद के अलावा इस साल अप्रैल में बाल गोविंद के दामाद की बहन के साथ कथित तौर पर भागकर शादी के बाद से राहुल के साथ उनका विवाद बढ़ गया.
राहुल ने विनीत की भैंस को अवैध रूप से बेच दिया था
इसके अलावा उसने पुलिस को बताया कि राहुल ने विनीत की भैंस को अवैध रूप से बेच दिया था जिसे लेकर चौबेपुर पुलिस स्टेशन में एक अलग मामला दर्ज किया गया था. एसटीएफ अधिकारी ने बताया कि जुलाई की घटना से दो दिन पहले पुलिस ने राहुल को हिरासत में लिया था और पूछताछ के लिए उसे बाल गोविंद के घर ले गई थी. इस दौरान विकास दुबे और उसके पांच सहयोगी भी मौजूद थे. तब विकास ने जेल में बंद चौबेपुर के थानेदार विनय तिवारी के मोबाइल फोन को छीन लिया और राहुल तिवारी की पिटाई कर दी। पुलिस ने जल्दबाजी में राहुल को थाने से भगा दिया.
Source : News Nation Bureau