आजकल उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग के कुछ हिस्सों में वायरल का खौफ तेजी से फैल रहा है. इस दौरान तेज बुखार से लोगों की मौत हो रही है. अगर इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक आंकड़े देखें तो पिछले एक हफ्ते में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा और कासगंज जिलों में 50 लोगों की मौत हुई, जिसकी वजह तेज बुखार, डीहाइड्रेशन और प्लेटलेट काउंट में अचानक आई गिरावट है. इसमें चौंकाने वाले आंकड़े ये भी हैं कि मरने वाले 50 लोगों में से 26 बच्चे थे. इस दौरान फैल रहे वायरल से लोगों को ठीक होने में 12 दिनों से ज्यादा समय लग रहा है और इससे संबंधित मामले काफी तेजी से फैल रहे हैं. जिसकी वजह से अस्पतालों में बेडों की संख्या में कमी हो गई है. इस बारे में बात करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने टीओआई को बताया कि इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी वायरल बुखार के ऐसे मामले सामने आए हैं. जिसमें गोंडा, बस्ती, देवरिया, बलिया, आजमगढ़, सुल्तानपुर, जौनपुर और गाजीपुर के लोगों को इस बुखार का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन इस दौरान पश्चिमी यूपी के जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
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फिरोजाबाद में 12 टीमें की गई तैनात
अब तक सबसे अधिक 25 मौतें फिरोजाबाद में हुई हैं. इस बारे में फिरोजाबाद सीएमओ डॉ नीता कुलश्रेष्ठ ने कहा कि जिन लोगों की वायरल से मौत हुई है उनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं था. इन मौतों का क्या कारण था, इसकी अभी जांच की जा रही है. इस मामले में ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की बारह टीमों ने और सभी सहायक नर्स और आशा कार्यकर्ताओं को इस काम में लगाया गया है. वो लोगों का ध्यान रखने और उचित चिकित्सा पहुंचाने का काम करेंगी.
अस्पतालों में भरे पड़े हैं बेड
डॉक्टरों ने बताया कि यह चिंता का विषय है वायरल फीवर रिकवरी का समय चार से पांच दिन से बढ़कर 10-12 दिन हो गया है। फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में प्रत्येक अस्पताल के बिस्तर पर दो से तीन मरीज रखे जा रहे हैं। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ हंसराज सिंह ने कहा कि इस वायरल बुखार से पीड़ित 100 से अधिक बच्चों का यहां इलाज किया जा रहा है।
200 से ज्यादा मरीजों को देख रहे एक-एक डॉक्टर
इस दौरान आगरा में, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एके अग्रवाल ने कहा कि हम हर दिन इस वायरल बुखार के कम से कम 200 रोगियों को देख रहे हैं. पिछले तीन हफ्तों में यह संख्या बढ़ी है. बच्चे सबसे अधिक असुरक्षित हैं.
पहले आया फीवर, फिर हुई मौत
फिरोजाबाद के शेर सिंह जाटव, जिन्होंने अपने चार साल के बेटे को वायरल फीवर में खो दिया, उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में बेड नहीं थे. हमें उसे एक निजी में ले जाना पड़ा. लेकिन उनका प्लेटलेट गिर गया और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.
लोग लगातार हो रहे बीमार
ग्रामीण क्षेत्र के हालात और भी खराब हैं. आगरा के तिवाहा गांव के विमल मोहन ने कहा कि गांव में एक भी घर ऐसा नहीं है जहां कोई बीमार न हो. पिछले 24 घंटों में कम से कम 20 को आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पिछले एक सप्ताह में चार की मौत हो गई. जबकि डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने तीन दिन पहले गांव का दौरा किया और उन्हें दवाएं दीं, ज्यादातर मरीज घर पर ही हैं क्योंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्हें भर्ती नहीं मिली.
हर मौत की हो रही जांच
अतिरिक्त निदेशक सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य टीमों को तेजी से ट्रांसफर किया जा रहा है. घर पर दवाएं उपलब्ध कराने के अलावा, ऐम्बुलेंस भेजी जा रही हैं. मौत के सभी मामलों की जांच की जा रही है.
पिछले साल कम आए थे वायरल के मामले
अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) एके सिंह ने कहा कि पिछले साल, वायरल बुखार के मामले बहुत कम आए थे क्योंकि लोग घर पर रह रहे थे और स्वच्छता बनाए रखते थे. उच्च आर्द्रता के साथ, वेक्टर जनित रोगों को फैलाना आसान होता है.
HIGHLIGHTS
- उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग के कुछ हिस्सों में वायरल का खौफ
- पिछले एक हफ्ते में हुई 50 लोगों की मौत
- 200 से ज्यादा मरीजों को देख रहे एक-एक डॉक्टर