शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक बयान देने वाले तौकीर रजा के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होने चाहिए. उन्होंने कहा कि सहमति और असहमति हो सकते हैं. लेकिन जब आप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ बयान देते हैं तो समझना चाहिए कि आप देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ बयान देते हैं.
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वहीं इससे पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC का अपना समर्थन दिया था. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हैं और राष्ट्र कि सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता. उन्होंने इस कानून में शिया मुसलमानों को भी शामिल किए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुसलमान शिया मुसलमान पर भी जुल्म करते हैं, भारत सरकार हमारी बात पर विचार कर रही है.
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वसीम रिजवी ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा सबसे ऊपर है, जिससे कोई समझौता नहीं हो सकता. एनआरसी और सीएए राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित है. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड इसका समर्थन करता है. सुन्नी कट्टरपंथी मुसलमान सरकार विरोधी पार्टियों की साजिश का शिकार हो गए हैं, जो सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. शियाओं को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहिए. क्योंकि शियाओं पर सुन्नियों की ज्यादती का ब्यौरा देते हुए एक प्रतिवेदन भारत सरकार को सौंपा है कि शिया भी इन मुसलमानों के जुल्म का शिकार हैं. शियाओं की भी इस बिल में शामिल करना चाहिए, इस पर विचार हो रहा है.
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उन्होंने कड़े शब्दों में कहा था कि बाबरी कलंक का मलबा मांगना मंदिर निर्माण को रोकने की एक साजिश है. उन्होंने कहा कि मीर बाकी और बाबर गधों पर लादकर अफगानिस्तान से मलबा लेकर नहीं आए थे. अयोध्या में बने मंदिरों को तोड़ कर कलंकित इमारत बनाई गई थी. अयोध्या भगवान श्रीराम की है. भगवान श्रीराम की जन्म भूमि जिसे मुगलों ने अपवित्र कर दिया था वह अब पवित्र हो चुकी है. उसकी एक मुट्ठी मिट्टी भी किसी राक्षस रूपी विचार धारा को रखने वाले को देना बहुत बड़ा पाप है.