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हीटवेव से बढ़ रहे हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले, समय पर नहीं मिला इलाज तो जा सकती है जान

Weather Update:  मेरठ के मेडिकल कॉलेज की बात करें, तो मेडिसिन विभाग की ओपीडी में रोज़ाना 500 मरीज़ से ज़्यादा पहुंच रहे हैं, जिनमें से 30 से 40 प्रतिशत तक मरीज़ हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक के ही शामिल हैं.

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Mohit Sharma
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Weather News ( Photo Credit : File Pic)

Weather Update:  दिल्ली एनसीआर में भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. एक तरफ सूरज की तपिश तो दूसरी तरफ चल रही गर्म हवाओं ने लोगों को बेहाल किया हुआ है. तो वहीं डॉक्टर यह सलाह दे रहे हैं कि घर से अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो अपने आप को पूरी तरह से कवर करके निकले. ताकि हीट वेव से बचा जा सके. वहीं दूसरी तरफ बीच-बीच में पेय पदार्थ पीते रहे. गर्मी से बचने के लिए आपको लोग लस्सी का सेवन करते हुए आपको दिखाई दे जाएंगे. लोगों का कहना है कि गर्मी बहुत ज्यादा है तो ऐसे में लस्सी पीकर गर्मी से बचने की कोशिश की जा रही है. दूसरी तरफ मौसम विभाग का यह कहना है कि अभी गर्मी का पारा और भी अधिक चढ़ेगा. यानी साफ है कुछ दिनों तक पढ़ रही भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है. 
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मई का महीना खत्म होने को है और जून की शुरुआत होने वाली है, लेकिन जाता हुआ मई भीषण गर्मी की मार मारता जा रहा है. तापमान में हो रही बढ़ोतरी खतरे की घंटी साबित हो रही है.  दिल्ली-एनसीआर के पार्ट मेरठ समेत पूरे वेस्ट यूपी का तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है. धूप की तेज़ तपन और भीषण गर्मी से बीमारियों का ग्राफ भी काफी बढ़ गया है. इन बीमारियों में सबसे ज़्यादा हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आ रहे हैं. धूप में ज़्यादा देर रहने से ब्रेन वाला खतरा सबसे ज़्यादा बढ़ रहा है. अगर हम मेरठ के मेडिकल कॉलेज की बात करें, तो मेडिसिन विभाग की ओपीडी में रोज़ाना 500 मरीज़ से ज़्यादा पहुंच रहे हैं, जिनमें से 30 से 40 प्रतिशत तक मरीज़ हीट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक के ही शामिल हैं. मेडिसिन विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. अरविंद कुमार ने बताया की जिस तरीके से भीषण गर्मी हो रही है, उसमे यदि कोई व्यक्ति ज़्यादा देर तक धूप में रहे तो उसको बेहोशी, सर दर्द, चक्कर आने और डिहाइड्रेशन की शिकायत होने लगती हैं, जो ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हैं.
 

ऐसे मरीज़ का शरीर सारा पानी सोंक लेता है और त्वचा पूरी सूख जाती है, यानी पसीना नहीं आता..डॉ. अरविंद बताते हैं कि यदि ब्रेन स्ट्रोक आने पर समय से इलाज नहीं कराया गया, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. ऐसे में ब्रेन स्ट्रोक और हीट स्ट्रोक से बचने के लिए कड़ी धूप में सिर और मूंह को पूरी तरह ढककर बाहर निकलना और पानी पीकर बॉडी हाइड्रेट रखने की डॉक्टर्स सलाह देते हैं. 

Source : News Nation Bureau

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