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मेरे ऊपर एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं खुद ही फांसी पर लटक जाऊंगाः बृज भूषण

Wrestlers Protests: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने बाराबंकी में कहा कि मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा

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Mohit Sharma
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Brij Bhushan Sharan Singh

Brij Bhushan Sharan Singh( Photo Credit : ANI)

Wrestlers Protests: महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप झेल रहे रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने आज यानी बुधवार को प्रदर्शनकारी रेसलर्स पर जमकर निशाना साधा. भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने बाराबंकी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा. आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं. 4 महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो वो (पहलवान) अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं. मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृज भूषण को फांसी नहीं मिलेगी. अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायलय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है: 

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ब्रज भूषण शरण सिंह पर यौण शोषण के आरोप

इससे पहले  ANI को दिल्ली पुलिस के टॉप सोर्स ने बताया कि अब तक हमें बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. 15 दिनों के भीतर हम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेंगे. यह चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट हो सकती है. पहलवानों के दावे को साबित करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है. आपको बता दें कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत देश के तमाम नामचीन पहलवान पिछले एक महीने से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे हैं. महिला पहलवानों ने ब्रज भूषण शरण सिंह पर यौण शोषण के आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही पहलवान सरकार से लगातार ब्रज भूषण शरण सिंह को कुश्ती महासंघ के पद से हटाने और कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. 

28 मई को दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लिया

वहीं, 28 मई के दिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे तो दिल्ली पुलिस ने पहलवानों पर कार्रवाई करते हुए न केवल जंतर-मंतर से धरनास्थल को हटा दिया, बल्कि पहलवानों को भी हिरासत में लेकर राजधानी के अलग-अलग थानों में बंद कर दिया. हालांकि कुछ देर बार पहलवानों को छोड़ भी दिया गया. पुलिस का कहना था कि कई बार चेतावनी देने के बाद भी प्रदर्शनकारी पहलवान महिला महा पंचायत करने के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे थे. जिसके चलते उनको मजबूरीवश यह कदम उठाते हुए पहलवानों को हिरासत में लेना पड़ा.

नरेश टिकैत के समझाने पर माने पहलवान

वहीं, जंतर-मंतर से हटने के बाद पहलवानों ने आपसी विमर्श के बाद अपने सभी पदक गंगा मैया में बहाने का फैसला किया. पहलवानों का कहना था कि देश में अब खिलाड़ियों और पदकों का कोई सम्मान नहीं बचा है. 28 मई को पहलवानों के साथ जिस तरह का सलूक किया गया, उसके बाद अब उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचता. कोई गंगा मैया पवित्र हैं और उतनी ही पवित्रता के साथ ये मेडल भी जीते गए हैं. इसलिए इन पदकों का गंगा मां की गोद में चले जाना ठीक है. यहीं नहीं पहलवान अपने पदकों को गंगा में बहाने के क्रम में हरिद्वार भी जा पहुंचे. जहां भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के समझाने पर उन्होंने अपना फैसला टाल दिया. नरेश टिकैत ने पहलवानों से 5 दिन की मोहलत मांगी है, कि पांच दिन में उनकी समस्या का समाधान करा देंगे. इस आश्वासन पर पहलवान अपने सभी पदक नरेश टिकैत को सौंपकर वापस लौट आए. 

Source : News Nation Bureau

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