उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत स्कूल न पहुंच पाए आठ से 18 साल के अनाथ, बेसहारा व गरीब बच्चों की मदद की जाएगी. इस योजना के तहत सरकार बालश्रम से जुड़े 8 से 18 साल के बच्चों को पढाई में मदद करेगी और अटल आवासीय विद्यालय में उनका दाखिला भी होगा. इस योजना के तहत बालकों को 1000 रुपये प्रतिमाह तो बालिकाओं को 1200 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे. आइए जानते हैं इस योजना के फायदे:
- 8वीं, 9वीं और 10वीं की पढाई कर रहे ऐसे बच्चों को मासिक प्रोत्साहन राशि के अलावा छह हजार रुपये की वार्षिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी.
- बालकों को मिलेंगे 1000 रुपये प्रतिमाह तो बालिकाओं को 1200 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे.
- ऐसे बाल श्रमिक बच्चे जिनके माता पिता नहीं है या दोनों में से कोई एक नहीं हैं, माता-पिता में कोई दिव्यांग है, जो भूमिहीन हैं, माता या पिता किसी असाध्य रोग से पीड़ित हैं, उन सभी बच्चों को योगी सरकार की ओर से मदद दी जाएगी.
- पहले चरण में 57 जिलों से ऐसे 2000 बच्चों का चयन किया गया है, जहां से बालश्रम के सर्वाधिक मामले सामने आए थे.
- इन बच्चों के परिवारों को सरकार देगी समस्त सरकारी योजनाओं का भी लाभ.
- इन बच्चों को समस्त श्रेणियों की छात्रवृत्ति योजना का भी लाभ मिलेगा.
- रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चों के साथ ही इन पांच श्रेणियों के बच्चों को भी मिलेगी अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षा.
- सभी 18 मंडलों में 15-15 एकड़ में तैयार हो रहे हैं अटल आवासीय विद्यालय.
- अटल आवासीय विद्यालय में पढने वाले बच्चों की होगी मुफ्त भोजन, मुफ्त आवासीय व अत्याधुनिक शिक्षा की व्यवस्था.
- जिनकी रुचि पढ़ाई के अलावा स्पोर्ट्स में है, उनके लिए स्पोर्ट्स ट्रेनिंग का इंतजाम होगा. पढाई और स्पोर्ट्स में न रुचि होने पर इन बच्चों के लिए होगा स्किल डेवलपमेंट का इंतजाम.