उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तिकुनिया गांव में हुई हिंसा और आगजनी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें चार किसान, एक स्थानीय पत्रकार और बीजेपी कार्यकर्ता शामिल हैं. वहीं मामले में एक दर्जन से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. दरअसल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक़ लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे, जहां ज़िले के वंदन गार्डन में उन्हें सरकारी योजनाओं का शिलान्यास करना था. इस कार्यक्रम में केशव प्रसाद मौर्य हेलीकॉप्टर से जाने वाले थे लेकिन उनका प्रोटोकॉल बदल दिया गया और वह सड़क मार्ग से लखीमपुर पहुंचे. संयुक्त किसान मोर्चा ने उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के विरोध और काफिले के घेराव की चेतावनी दी थी.
कैसे शुरू हुआ बवाल
रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे केशव प्रसाद मौर्य और अजय मिश्र लखीमपुर में जिला मुख्यालय में योजनाओं के शिलान्यास का काम खत्म कर बनवीरपुर गांव के लिए रवाना हुए. यह गांव तिकुनिया से करीब चार किमी की दूरी पर है. तिकुनिया में एक प्राइमरी स्कूल में 2 अक्टूबर को हुए दंगल के विजेताओं का पुरस्कार समारोह था. इस कार्यक्रम में अजय मिश्र को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने पर उनका सम्मान करना था. स्थानीय किसानों ने मंत्री अजय मिश्र का विरोध करने की ठान रखी थी. सुबह से ही सैकड़ों किसान तिकुनिया के महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज पहुंच गए और स्कूल में बने हेलीपैड को घेर लिया. किसानों को जब खबर मिली कि मंत्री सड़क के रास्ते गांव पहुंच रहे हैं वह रास्ता रोक बैठ गए.
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किसानों ने लगाया आरोप
किसानों का आरोप है कि जब मंत्री अजय मिश्रा का काफिला उप मुख्यमंत्री को लेने जा रहा था तो गाड़ियों ने किसानों को तेजी से भीड़ पर चला कर रोंधना शुरू कर दिया जिसमें चार किसान कुचल कर मर गए और लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए. किसान नेताओं का आरोप है कि मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा भी उस वक़्त गाड़ी में मौजूद थे और उन्होंने एक किसान को गोली भी मारी. प्रदर्शन में शामिल और हादसे के चश्मदीद संयुक्त मोर्चा के सदस्य पिंडर सिंह सिद्धू ने बताया, "सब माहौल ठीक था, क़रीब ढाई बजे अजय मिश्र जी का बेटा कुछ गुंडों के साथ आया और जो किसान वहाँ अपने झंडे लेकर घूम रहे थे उन पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी. उनके लड़के ने गोली भी चलाई.
विरोध का क्या था कारण
दरअसल कुछ दिन पहले लखीमपुर के सम्पूर्णानगर के एक किसान सम्मेलन में मंत्री अजय मिश्र मंच से किसानों को धमकाते नज़र आये थे. उन्होंने काले झंडे दिखाने वाले किसानों को चेतावनी देते हुए कहा था, " मैं केवल मंत्री नहीं हूँ या सांसद विधायक नहीं हूँ. जो मेरे सांसद और विधायक बनाने से पहले मेरे विषय में जानते होंगे, उनको यह भी मालूम होगा कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं. जिस दिन मैंने उस चुनौती को स्वीकार करके काम कर लिया, उस दिन पलिया नहीं, लखीमपुर तक छोड़ना पड़ जायेगा, यह याद रखना." इस तरीके के तल्ख़ बयानों के बाद किसानों में ख़ासा गुस्सा था.
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आज पहुंचेंगे कई नेता
लखीमपुर में हुई घटना के विरोध में आज कई नेता लखीमपुर खीरी पहुंचेंगे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लखीमपुर जाने का फैसला किया है. उन्होंने ट्विटर पर बताया कि उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ जो वहशी व्यवहार हुआ वह अक्षम्य है. मैं किसान हूं. किसान का दर्द समझता हूं. इन कठिन परिस्थितियों में उनके साथ खड़े होने के लिए लखीमपुर जाउंगा. हालांकि यूपी सरकार ने प्रशासन से भूपेश बघेल के विमान को लखनऊ में उतरने की इजाजत ना देने का कहा है. वहीं लखनऊ में पूर्व सीएम अखिलेश यादव के आवास के बाहर बेरिकेडिंग की गई है. राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया जयंत चौधरी भी सोमवार को लखीमपुर खीरी पहुंच रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि किसान का खून बहाया गया है. सोमवार घटनास्थल पर पहुंचूंगा.
Source : News Nation Bureau