ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले का कब से शुरू हुआ विवाद, जानें 10 प्वाइंट में

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला जज ने सोमवार को हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुना दिया है. आइये हम आपको बताते हैं कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले का विवाद कब से शुरू हुआ था, जानें सिर्फ 10 प्वाइंट में...

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
gyanvapi case

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले का कब से शुरू हुआ विवाद( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला जज ने सोमवार को हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुना दिया है. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने श्रृंगार गौरी में पूजा के अधिकार की मांग को लेकर दायर याचिका को सुनवाई के योग्य माना है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जिला कोर्ट ये तय करे कि ये याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं? वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से इस मामले को खारिज करने की मांग की थी. आइये हम आपको बताते हैं कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले का विवाद कब से शुरू हुआ था, जानें सिर्फ 10 प्वाइंट में...

  1.  18 अगस्त 2021 को 5 महिलाएं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, गणेश जी, हनुमान जी समेत परिसर में मौजूद अन्य देवताओं की रोजाना पूजा की इजाजत मांगते हुए हुए कोर्ट पहुंची थीं. अभी यहां साल में एक बार ही पूजा होती है. 
  2. इन पांच याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व दिल्ली की राखी सिंह कर रही हैं, बाकी चार महिलाएं सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक वाराणसी की रहने वाली हैं. 
  3. 26 अप्रैल 2022 को वाराणसी सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया था.
  4. सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था.
  5. ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद में वाराणसी कोर्ट ने सोमवार को हिंदू के पक्ष में फैसला दिया है. जिला अदालत यह तय करेगी कि ज्ञानवापी मस्जिद के कैंपस में मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की अनुमति देने वाली याचिका पर सुनवाई की जाए या नहीं. 
  6. सबसे पहले हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मामले में श्रृंगार गौरी पूजा मामले को लेकर वाद दाखिल किया था. इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने वर्षिप एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में 7 रूल 11 का एक प्रार्थना पत्र लगाया और यह कहा कि यह वाद सुनने योग्य नहीं हैं. 
  7. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज को यह आदेश दिया कि इस पर सुनवाई की जाए.
  8. श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना को लेकर विवाद 1995 में शुरू हुआ, जब स्थानीय अदालत में पहला मामला दायर किया गया और न्यायाधीश ने तब साइट के सर्वेक्षण का आदेश दिया था. 
  9. लंबे समय से इस मामले की पैरवी कर रहे सोहन लाल आर्य के अनुसार, 1984 से साइट पर प्रार्थना की जा रही थी, लेकिन 1992 में इस जगह की बैरिकेडिंग के बाद इसे रोक दिया गया था.
  10. फिर से पूजा-पाठ शुरू करने की इजाजत के लिए जिला अदालत में 1995 में याचिका दायर की गई. हालांकि, मुस्लिम समुदाय के विरोध के कारण बाहरी क्षेत्र का सर्वेक्षण कार्य मस्जिद के अंदर तक नहीं जा सका. अप्रैल 2021 में यह मामला सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के सामने सुनवाई के लिए आया, जिन्होंने पूरे परिसर का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया.

supreme Court order in Gyanvapi case gyanvapi masjid case gyanvapi mosque case gyanvapi case verdict varanasi gyanvapi mosque case gyanvapi case update gyanvapi masjid shringar gauri case
Advertisment
Advertisment
Advertisment