यूपी में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद योगी सरकार बन चुकी है. अब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के योगी की कैबिनेट में शामिल होने के साथ ही सत्ताधारी दल राज्य के नए प्रमुख को लेकर मंथन कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘एक व्यक्ति-एक पद’ के नियम पर चलने वाली पार्टी जल्द ही स्वतंत्र देव सिंह से अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहेगी. इस खाली पद को लेकर नए नामों का ऐलान करेगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के अंदर इस बार किसी ब्राह्मण नेता (BJP Brahmin Face) को अध्यक्ष पद पर लाने की कवायद चल रही है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष के पद पर चर्चा जारी है. ब्राह्मण नेता को इस पद पर नियुक्त करने को लेकर विचार चल रहा है.
यूपी भाजपा के अध्यक्ष पद को लेकर जिन नामों पर विचार चल रहा है, उनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य महासचिव गोपाल नारायण शुक्ला और राज्य के पूर्व बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा के नामों पर चर्चा हो रही है. गौरतलब है कि राज्य में ब्राह्मणों की संख्या कुल आबादी का करीब 10 प्रतिशत तक है और यह समुदाय चुनावी रूप से काफी अहम माना गया है. किसी ब्राह्मण नेता को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे तर्क दिया गया है कि राज्य के हालिया विधानसभा चुनाव में तमाम नाराजगी के बावजूद ब्राह्मण वोटर भाजपा के पक्ष में एकजुट दिखे.
योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में ब्राह्मण समुदाय की अनदेखी किए जाने पर कई नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की थी. ऐसे में विधानसभा चुनाव के दौरान ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर करने के लिए शीर्ष ब्राह्मण नेताओं का एक पैनल बनाया गया था.पार्टी सूत्रों के अनुसार बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम का पद दिए जाने के साथ, भाजपा की राज्य इकाई का प्रमुख भी एक ब्राह्मण को बनाए जाने से सरकार और संगठन दोनों में समुदाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा.
HIGHLIGHTS
- पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष के पद पर चर्चा जारी है
- ब्राह्मण नेता को इस पद पर नियुक्त करने को लेकर विचार चल रहा है