राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha) को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party)ने तीन नामों पर मुहर लगाई है. कई नामों पर चल रही अटकलों के बीच तीनों चेहरों पर अंतिम निर्णय लिया गया. इन नामों में कांग्रेस पार्टी से आए मशहूर वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) , RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) और पार्टी के मुस्लिम चेहरा जावेद अली को शामिल किया गया है. वहीं, अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) के राज्यसभा जाने की अटकलों पर विराम लगा हुआ है. ऐन वक्त पर डिंपल यादव का नाम हटाना राजनीतिक विशलेषकों के समझ से परे है. क्या डिंपल के नाम पर भाजपा कर सकती थी खेल? समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि डिंपल यादव और कपिल सिब्बल का नामांकन एक होना था.
दोनों के दस्तावेज पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं. मगर आखिरी समय में डिंपल यादव का नाम सूची से हटा लिया गया. बुधवार को पार्टी ने कपिल सिब्बल, डिंपल यादव और जावेद अली को एक साथ पर्चा दाखिल कराने की तैयारी में थे. सभी के दस्तावेज भी तैयार कर लिए गए थे. तीनों नेताओं को एक साथ विधानसभा जाना था, मगर तभी जयंत चौधरी को लेकर पार्टी के अंदर एक चर्चा चली कि अगर इस समय जयंत चौधरी को नहीं भेजा गया, तो भाजपा बड़ा खेल कर सकती है.
इस तरह से बिगड़ सकता है खेल
डिंपल यादव बुधवार को अचानक पर्चा भरने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया. यह तय हुआ कि जब अखिलेश यादव विधानसभा से लौटेंगे तभी इस पर फैसला होगा. ऐसी चर्चा थी कि गुरुवार को भी डिंपल पर्चा भर सकती हैं. वहीं, देर शाम जयंत चौधरी की इच्छा को जाना गया. जयंत की तरफ से इस बात पर सहमति का संदेश मिला. कहा गया कि अगर डेढ़ साल बाद ही राज्यसभा जाना है तो अभी क्यों नहीं. इससे एक ओर गठबंधन का नुकसान हो बचा गया. वहीं दूसरी ओर भाजपा के खेल का डर भी सता रहा था कि कहीं ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल यादव सपा का खेल न बिगाड़ दें.
ऐसे में देर रात को अखिलेश यादव ने जयंत को राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया. आरएलडी के सभी विधायकों को पार्टी के एक नेता के घर बुलाया गया और उनके दस्तावेज तैयार करने को कहा गया. सुबह अखिलेश यादव आरएलडी के विधायकों से मिले और तय हो गया कि जयंत ही राज्यसभा जाएंगे. क्या अखिलेश ने बड़ा सियासी दांव चल रहा है? ये भी कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजने का कदम उठाकर बड़ा सियासी दांव चला है.
HIGHLIGHTS
- आखिरी समय में डिंपल यादव का नाम सूची से हटा लिया गया
- सपा को दूसरी ओर भाजपा के खेल का डर भी सता रहा था