वे अपनी किस्मत का रोना रोने गए थे भगवान के दरबार लेकिन वहां मिली लाठियों की फटकार. उप्र में खेल अनुदेशक के पद पर बीपीएड धारकों की काउंसलिंग 4 अप्रैल 2017 को होनी थी, लेकिन सरकार बदलने पर इनकी भर्ती पर रोक लगा दी गई. अपना दुखड़ा रोने बीपीएड धारक गोरखनाथ मंदिर में गए थे.यहां वो सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के लिए में ही धरना-प्रदर्शन करने लगे. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए इन्हें खदेड़ दिया.
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दरअसल योगी आदित्यनाथ की तरफ से जो मिलने का समय इनको दिया गया था, उस समय पर ये लोग नहीं आए.समय से नहीं पहुंचने पर बीपीएड धारकों को सीएम से मुलाकात कराने से अधिकारियों ने मना कर दिया, लेकिन बीपीएड धारक अपनी मांग पर अड़े थे. काफी देर तक मांग पूरी नहीं हुई तो वे धरना-प्रदर्शन करने लगे. इनका कहना है कि 32022 खेल अनुदेशक के पद पर इनकी भर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में आयी थी.
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इनकी पहली काउंसलिंग 4 अप्रैल 2017 को होनी थी लेकिन सरकार बदलने पर इनकी भर्ती पर रोक लगा दी गयी और अब तक सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण यह आज सीएम से मिलना चाह रहे थे पर पुलिस अधिकारियों ने इनको सीएम से मिलने से मना कर दिया और इनकी मंदिर में बल प्रयोग कर भगा दिया गया. बीपीएड धारकों का कहना है कि उनके भविष्य का सवाल है और पूरे प्रदेश के हजारों परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है, लेकिन पुलिस विभाग ने आज इनको जबरन यहाँ से हटा दिया और सीएम से मिलने नहीं दिया.
Source : News Nation Bureau