सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को अंतिरम जमानत मिलने के बाद शुक्रवार की सुबह आज़म खां सीतापुर जेल से रिहा हो गए. 27 महीने बाद आजम खान को जमानत मिली तो उनके स्वागत के लिए उनके दोनों बेटे अदीब और अबदुल्ला के साथ शिवपाल यादव भी सीतापुर जिला जेल के बाहर मौजूद थे. जेल से निकलते ही सीतापुर में आज़म पूर्व विधायक अनूप गुप्ता से मिलने गए और इसके बाद आज़म का काफिला रामपुर के लिए रवाना हो गया. हालांकि, मीडिया ने आज़म से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
"झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं"
आज़म की रिहाई पर SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया- सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक आज़म खान के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है. जमानत के इस फैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नए मानक दिए हैं. पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों और मुकदमों में बाइज्जत बरी होंगे. झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं.
आजम खान की रिहाई के बाद सबसे अहम सवाल ये है कि क्या आजम से अब अखिलेश यादव मुलाकात करेंगे, सवाल इसलिए क्योंकि लंबे समय से जेल में बंद आज़म से मिलने अखिलेश नहीं पहुंचे, जबकि शिवपाल और प्रमोद कृष्णम जैसे नेताओं ने जेल जाकर आजम से मुलाकात की थी. SBSP अध्यक्ष ओपी राजभर और SP विधायक रविदास मेहरोत्रा ने आजम से जेल में मुलाकात के लिए वक्त भी मांगा, लेकिन आजम ने इन नेताओं से मिलने से ही मना कर दिया, तब से ही इस बात की चर्चा लगातार चल रही थी आजम खान अखिलेश यादव से नाराज हैं.
आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली शानू ने खुले मंच से अखिलेश पर सीधे सवाल दागे थे, शानू ने कहा था -"वाह राष्ट्रीय अध्यक्ष जी वाह, हमने आपको और आपके वालिद साहब (मुलायम सिंह) को चार बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनवाया. आप इतना नहीं कर सकते थे कि आजम खान साहब को नेता विपक्ष बना देते? आजम खान साहब के जेल से बाहर नहीं आने की वजह से हम लोग सियासी रूप से यतीम हो गए हैं. अध्यक्ष साहब (अखिलेश यादव) को हमारे कपड़ों से बदबू आती है" शानू के इन आरोपों को आजम परिवार ने जब खारिज नहीं किया तो नाराजगी की खबरों को और बल मिला.
आजम के जेल से बाहर आने पर अब नए सियासी समीकरणों के कयास भी लगने लगे हैं, खासकर जब शिवपाल अखिलेश से नाराज चल रहे हैं, आजम की जेल से रिहाई के दौरान स्वागत के लिए भी शिवपाल मौजूद थे, दोनों ही नेताओं को लेकर अखिलेश पर सवाल उठ रहे हैं, मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व के दौरान दोनों नेताओं का कद अखिलेश से बड़ा था लेकिन अब अखिलेश इन्हें दरकिनार कर रहे हैं. रामपुर यूपी का इकलौता ऐसा जिला है जहां हिंदू आबादी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है और उस जिले में विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव में आजम खान का दबदबा दिखता रहा है. देखना होगा क्या अखिलेश-आज़म की मुलाकात होती है या नहीं, आज़म का सियासत में अगला कदम क्या होगा?
Source : Ayush suryavanshi