उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में लगातार कोरोना वायरस अपना पैर पसारता जा रहा है. जिले में अबतक कोविड-19 से 4 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रतापगढ़ में कोरोना से बुजुर्ग महिला की मौत के मामले को न्यूज स्टेट ने प्राथमिकता से उठाया तो प्रशासन में हड़कंप मच गया. इसके बाद आनन-फानन में सीएमओ एके श्रीवास्तव ने रूमा हॉस्पिटल को 24 घंटे तक के लिए बंद करने का आदेश जारी कर दिया.
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न्यूज स्टेट में खबर चलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. सीएमओ एके श्रीवास्तव ने 24 घंटे तक के लिए रूमा हॉस्पिटल को बंद करने का फरमान जारी कर दिया. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में भर्ती हुई महिला का फ्लोर सील किया जाएगा. पूरे हॉस्पिटल को गुरुवार को सैनेटाइज किया जाएगा. अब हॉस्पिटल में तैनात स्वास्थ्य कर्मचारियों का भी कोरोना टेस्ट होगा.
सीएमओ ने कहा कि महिला की मौत के बाद कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. मृतक महिला के पूरे परिवार की कोरोना की जांच होगी. अब महिला के अंतिम दर्शन में शामिल हुए लोगों को चिन्हित किया जाएगा. वहीं, शहर में कोरोना केस मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि प्रतापगढ़ में कोरोना से संक्रमित 80 साल की बुर्जुग महिला ने मंगलवार को दम तोड़ दिया था. परिजनों ने देर रात महिला का अंतिम संस्कार किया था. इस दौरान भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे. रूमा नर्सिंग होम में इलाज के बाद महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई.
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महिला के इलाज में जिला स्वास्थ्य महकमे ने बड़ी लापरवाही बरती है. स्वास्थ्य महकमे ने महिला का कोरोना सैंपल लेने के बाद भी परिजनों को आगाह नहीं किया था. मौत के बाद महिला का शव परिजनों को सौंप दिया गया था. अब सबसे बड़ सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही महिला की कोविड-19 टेस्ट क्यों नहीं कराया. अगर पहले ही महिला का कोरोना टेस्ट हो जाता तो शायद आज महिला जिंदा रहती.