वाराणसी में दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन रोपवे ट्रांसपोर्ट सुविधा को धरातल पर उतारने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और देव दीपावली से वाराणसी में सिटी रोपवे सुविधा शुरू हो जाएगी. रोपवे बन जाने के बाद अब यहां दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा, इससे यहां रहने वाले आम लोगों को भी भारी जाम और ट्रेफिक की समस्या से छुटकारा मिलेगा. रोपवे का पहला चरण वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन से वाराणसी के रथयात्रा तक पूरा किया जा रहा है एक दिन में लगभग एक लाख लोग यात्रा कर पाएंगे देखिये रोपवे के इस सफर की पूरी कहानी. भारत विश्व का तीसरा ऐसा देश होगा जहां वाराणसी सिटी रोपवे शुरू करने वाला भारत का पहला शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल किया जाएगा. यह सुविधा कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली से आरंभ होने वाली है. वाराणसी में रोपवे का काम स्विट्जरलैंड बेस कंपनी बर्थोलेट की निगरानी में हो रहा है.
इंस्टॉल करने का काम तेजी से चल रहा है
रोपवे के संचालन को लेकर स्टेशन और टावर इंस्टॉल करने का काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही रोपवे का ट्रायल हो जाएगा. ऐसे में देव दीपावली में श्रद्धालु जब वाराणसी आएंगे तो रोपवे से यात्रा कर सकेंगे. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल के अंदर यात्रियों के लिए गोंडोला उपलब्ध रहेगी. वाराणसी में रोपवे सेवा शुरू होने के बाद एक दिशा में एक घंटे में 3 हजार लोग यात्रा कर सकेंगे. ऐसे में दोनों दिशाओं में एक घंटे में करीब छह हजार यात्रियों का आवागमन होगा. 45 से 50 मीटर की अनुमानित ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेगी. एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते हैं. रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा. खास बात यह है कि केबिन सोलर पैनल के जरिए संचालित होगा और इसमें आठ लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. आप इसमें बैठकर आसमान से काशी का दीदार कर सकेंगे.
800 करोड़ की लागत से पूरा हो रहा है
यात्रा के लिए मासिक पास की भी सुविधा होगी और दूसरे शहरो के मेट्रो के पास भी यहां संचालित हो पाएंगे. पहले चरण का काम ही लगभग 800 करोड़ की लागत से पूरा हो रहा है. कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक विद्यापीठ स्टेशन पर एंकर बोल्ट स्थापित हो गया है. इसके अलावा कई एक्सेलरेशन व डी एक्सेलरेशन कन्वेयर भी स्थापित हो गए हैं. अब जल्द ही रोप लगाने का काम शुरू होगा. वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक कुल दो टावर इंस्टॉल हो चुके है. 16 टावर पर तेजी से काम चल रहा है.
Source : News Nation Bureau