महाविकास अघाड़ी के नेतृत्व में शिवसेना ने उद्धव ठाकरे को सूबे का मुख्यमंत्री तो बना दिया, लेकिन एक के बाद चुनौतियां उन्हें घेरे हुए हैं. एक लिहाज से देखें तो खुद उद्धव अपने बयानों से जान सांसत में डाल रहे हैं. हालिया मसला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़ा है, जो कहने को तो बीएसई के कार्यक्रम के सिलसिले में मुंबई प्रवास पर हैं, लेकिन उनके अघोषित एजेंडे ने उद्धव सरकार की नींद उड़ा दी है. योगी आदित्यनाथ वास्तव में अक्षय कुमार से लेकर गायक कैलाश खेर से मुलाकात कर अपने एजेंडे को परवान चढ़ाते दिख रहे हैं. यही वजह है कि योगी की मंशा भांप उद्धव ठाकरे के होश उड़े हुए हैं.
यूपी में फिल्म सिटी बना जान की सांसत
यह मसला है यूपी में फिल्म सिटी का, जो एक लिहाज से सियासी जंग में तब्दील हो चुका है. योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मुंबई पहुंचकर फिल्मी सितारों से मुलाकात की. इस दौरान अक्षय कुमार से लेकर सिंगर कैलाश खेर तक कई हस्तियां सीएम योगी से मिलने पहुंची. अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए योगी की इस तेजी को देखकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. यूपी फिल्म सिटी के लिए यह धरपकड़ देखकर सीएम उद्धव ठाकरे की नींद उड़ी हुई है. वजह साफ है सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद वैसे भी लीवुड का एक धड़ा महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ हो चुका है. ऐसे में मुंबई मायानगरी का कोई सशक्त विकल्प सामने आते ही बड़े पैमाने पर मुंबई के बाहर शूटिंग शुरू हो जाएगी.
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उद्धव ने दिया उकसाने वाला बयान
यह वजह है कि योगी आदित्यनाथ के दौरे से पहले ही उद्धव ठाकरे ने एक ऐसा बयान दे दिया, जो उनकी बेचैनी को साफ-साफ परिलक्षित करता है. योगी का नाम लिए बगैर उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई यहां से जबरन व्यापार और रोजगार लेकर नहीं जा सकता है. यह अलग बात है कि व्यापार और रोजगार दोनों छीनने के लिए योगी सरकार के परचम तले नोएडा फिल्म सिटी की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है. अथॉरिटी ने फिल्म सिटी की डीपीआर बनाने लिए एजेंसी से 3 दिसंबर तक आवेदन मांगे हैं. 7 दिसंबर को तकनीकी निविदा खोली जाएगी और 15 दिसंबर तक कंपनी का चयन कर लिया जाएगा.
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एक हजार एकड़ में बनेगी फिल्म सिटी
यमुना अथॉरिटी एरिया के सेक्टर 21 में 1 हजार एकड़ में फिल्म सिटी बनाई जाएगी. इसका ऐलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर चुके हैं. सीएम के ऐलान के बाद से ही यमुना अथॉरिटी फिल्म सिटी विकसित करने के काम में जुटी हुई है. यमुना अथॉरिटी ने फिल्म सिटी बनाने को लेकर डीपीआर तैयार करने वाली एजेंसी की तलाश में लगी है. इसके लिए 29 अक्टूबर को रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल निकाला गया था. इसमें 25 नवंबर को निविदा खोली जानी थी.
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अगले साल मार्च तक हो जाएगी रूपरेखा फाइनल
अथॉरिटी ने इसकी तारीख बढ़ाकर 3 दिसंबर तक कर दी थी. अब बुधवार तक आवेदन लिए जाएंगे. यमुना अथॉरिटी के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया का कहना है कि 7 दिसंबर को तकनीकी निविदा खोली जाएगी. इसके बाद सभी पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा. 15 दिसंबर तक एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा. उन्होंने ने बताया कि चयनित कंपनी 2 महीने में फिजबिलिटी रिपोर्ट सौंप देगी, जबकि 3 महीने में डीपीआर देगी. इसके बाद इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा. डीपीआर के साथ ही एजेंसी यह भी बताएगी कि इसके लिए किस तरह से फंड का इंतजाम होगा. यह सब काम अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा.
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