आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर अपनी नई नीति जारी करने जा रही है. देश में जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आवास, रोज़गार पर बढ़ते दबाव को देखते हुए दो बच्चों की नीति लागू करने की मांग की जा रही है, वहीं यूपी सरकार ने इस ओर कदम बढ़ाया है. विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर राज्य सरकार इस नई नीति को जारी करेगी. इस बीच 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बढ़ती हुई जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता समेत प्रमुख समस्याओं का मूल है.
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'विश्व जनसंख्या दिवस' के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ट्वीट में लिखा, 'बढ़ती हुई जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता समेत प्रमुख समस्याओं का मूल है. समुन्नत समाज की स्थापना के लिए जनसंख्या नियंत्रण प्राथमिक शर्त है. आइये, इस 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर बढ़ती जनसंख्या से बढ़ती समस्याओं के प्रति स्वयं व समाज को जागरूक करने का प्रण लें.'
उधर, इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए समुदाय केंद्रित दृष्टिकोण का आह्वान, ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें और राज्य का समुचित विकास हो सके. मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, 'गरीबी और निरक्षरता जनसंख्या विस्तार के प्रमुख कारक हैं. कुछ समुदायों में जनसंख्या के बारे में जागरूकता की कमी भी है और इसलिए हमें समुदाय केंद्रित जागरूकता प्रयासों की आवश्यकता है.'
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बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर फॉर्मूला तैयार किया है. इसके तहत जिनके पास दो से अधिक बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे और न ही कभी चुनाव लड़ पाएंगे. राज्य विधि आयोग ने सिफारिश की है कि एक बच्चे की नीति अपनाने वाले माता पिता को कई तरह की सुविधाएं दी जाएं. यूपी जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर विधि आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. इस पर आम जनता से 19 जुलाई तक राय मांगी गई है.