उत्तर प्रदेश में इस समय भर्तियों पर सवाल उठ रहे हैं. एलटी ग्रेड परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद पूरे प्रदेश में विवाद मचा हुआ है. लेकिन इसी बीच सपा सरकार में हुई भर्तियां भी चर्चा में आ गई हैं. चकबंदी विभाग के बाद पशुपालन विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है.
मुख्यमंत्री ने सख्ती दिखाते हुए दो बड़े अफसरों को निलंबित कर दिया. पशुपालन विभाग के डायरेक्टर समेत छह लोगों को सस्पेंड किया गया है. इस कार्रवाई के बाद योगी आदित्यनाथ ने ट्वीव करके कहा कि ''कानूनी कार्रवाई द्वारा समाजवादी सरकार के पाप के पचड़े को साफ करने के लिए सफाई अभियान चल रहा है. जो भी हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कुत्सित चेष्टा करेगा, जो भी दोषी होगा,कितना ही बड़ा क्यों न हो इन सबकी जगह जेल होगी. यह पूरे प्रदेश की जनता को मैं आश्वस्त करता हूँ.''
कानूनी कार्रवाई द्वारा समाजवादी सरकार के पाप के पचड़े को साफ करने के लिए सफाई अभियान चल रहा है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 2, 2019
जो भी हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कुत्सित चेष्टा करेगा, जो भी दोषी होगा,कितना ही बड़ा क्यों न हो इन सबकी जगह जेल होगी।
यह पूरे प्रदेश की जनता को मैं आश्वस्त करता हूँ।
सभी निलंबित अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने मनमाने ढंग से पशुधन प्रसार अधिकारी की भर्ती की. प्रदेश भर में 2012-13 में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती परीक्षा हुई थी. चहेतों को भर्ती करने के लिए बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई थी. लिखित परीक्षा के साथ अफसरों ने 20 नंबर का इंटरव्यू कर दिया था.
जिसके बाद 100 नंबर की लिखित परीक्षा 80 अंकों की कर दी गई थी. अफसरों ने इंटरव्यू का खेल केवल अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए किया था. योगी आदित्यनाथ ने 28 दिसंबर 2017 को एसआईटी को जांच की जिम्मेदारी दी थी. एसआईटी ने जांच करके शासन को रिपोर्ट भेजी जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई की.
प्रदेश में माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा की या कोई भी प्रतियोगी परीक्षा हो, पारदर्शिता और पूरी ईमानदारी दिखनी चाहिए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 2, 2019
मैंने सभी आयोगों के अध्यक्षों को बुलाकर स्पष्ट किया है कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि प्रदेश के किसी भी युवा को नियुक्तियों में धांधली के चलते परेशान न होना पड़े।
एलटी ग्रेड पेपर लीक के मामले पर उन्होंने लिखा कि ''प्रदेश में माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा की या कोई भी प्रतियोगी परीक्षा हो, पारदर्शिता और पूरी ईमानदारी दिखनी चाहिए. मैंने सभी आयोगों के अध्यक्षों को बुलाकर स्पष्ट किया है कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि प्रदेश के किसी भी युवा को नियुक्तियों में धांधली के चलते परेशान न होना पड़े.''