मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में एक नदी का नाम बदलने का प्रस्ताव पास हुआ है. गोंडा के पसका सूंकर क्षेत्र के ग्राम चंदापुर किटौली से बिहार के रेवलगंज तक क्षेत्र में राजस्व अभिलेखों में घाघरा नदी का नाम बदल कर सरयू नदी करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है.
घाघरा एक अंतरराज्यीय नदी है और राष्ट्रीय संपदा भी है. संविधान की संघ सूची के क्रमांक-56 पर नदी संबंधी प्रकरण का उल्लेघ है. इसलिए घाघरा के नाम परिवर्तन के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद घाघरा, सरयू नदी कहलाएगी. योगी सरकार के इस फैसले को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पृष्ठभूमि से जोड़कर देखा जा रहा है. घाघरा नदी अयोध्या में सरयू नदी के नाम से ही विख्यात है.
उत्तर प्रदेश से होकर बहने वाली प्रमुख नदियों में घाघरा और सरयू नदी शामिल हैं. घाघरा का उद्गम स्थल लखीमपुर खीरी की धौरहरा तहसील में नेपाल से आने वाली गेरूआ और करनाली नदियों का संगम है. घाघरा यूपी के लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, अयोध्या, बस्ती, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर, देवरिया, बलिया होते हुए दोआबा क्षेत्र के सिताब दियारा क्षेत्र के ग्राम जय प्रकाश नगर में गंगा नदी के बायें तट पर मिली है. इस नदी की कुल लंबाई 1080 किमी है.
धार्मिक महत्व की पौराणिक नदी सरयू भी नेपाल से होते हुए बहराइच के गोंडा के पसका सांकर क्षेत्र के चंदापुर किटौली गांव के पास घाघरा नदी में मिलती है. इस मिलन बिंदु के आगे सर्वे ऑफ इंडिया ने मैप में घाघरा नदी के नाम से अंकित किया है.
Source : News Nation Bureau