उत्तर प्रदेश में सभी धर्मों के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इस नियम के बाद अब किसी भी तरह की योजना, जिसमें विवाहित होने का सबूत देना होगा उसके लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा।
कैबिनेट ने मंगलवार को यूपी विवाह पंजीकरण नियमावली- 2017 को मंजूरी दी, लेकिन अभी इसके लागू होने की तारीख नहीं तय की है। शासनादेश जारी होने की तारीख से यह नियम प्रभावी हो जाएगा। बिना विवाह पंजीकरण के शख्स को उन सुविधाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा, जिनके लिए शादीशुदा होने के साक्ष्य की जरूरत है।
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प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि जिनकी शादी इस नियम के तय होने से पहली हुई है उन्हें पंजीकरण अनिवार्य नहीं होगा। लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जब विवाहित होने का प्रमाण देना होगा, तब विवाह प्रमाण पत्र लगाना होगा।
पंजीकरण कराने के लिए इन निर्देशों का पालन करें-
- वेबसाइट igrsup.gov.in पर विज़िट करें।
- नागरिक ऑनलाइन सेवाओं के सेगमेंट में विवाह पंजीकरण का विकल्प मिलेगा।
- इसमें अगर पति और पत्नी दोनों के पास आधार हैं तो वे चंद स्टेप पूरे कर रजिस्ट्रेशन घर बैठे करवा सकते हैं।
- विवाह के लिए आधार नंबर जरूरी होगा। पंजीकरण में आधार का वेरीफिकेशन किया जाएगा।
विलंब से पंजीकरण कराया तो देना होगा जुर्माना- विलंब से विवाह पंजीकरण कराने वालों को जुर्माना भी देना पड़ेगा। एक साल विलंब होने पर 50 रुपये व दो साल विलंब होने पर 100 रुपये का जुर्माना लगेगा। यानी हर साल 50 रुपये के हिसाब से यह बढ़ता चला जाएगा।
यह पंजीकरण पहले की तरह ही ऑनलाइन होगा। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर इसकी पुष्टि की। उन्होंने लिखा, 'उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 के प्राख्यापन को मंजूरी दी गई।
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Source : News Nation Bureau