केंद्रीय कैबिनेट में बड़े फेरदबल की तैयारियों के बीच उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई है. अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जाति समीकरण संतुलित करने, सहयोगी पार्टियों को जगह देने और नाराज विधायकों को शांत करने के लिए अब योगी कैबिनेट में भी विस्तार किया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट में फेरदबल के दौरान गैर विधायकों को मंत्रीपद देकर विधान परिषद की खाली हुईं चार सीटों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
कैसा है कैबिनेट का स्वरूप
उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं. पिछले दिनों मंत्री चेतन चौहान, कमल रानी वरुण और विजय कश्यप का निधन हो गया. इससे कैबिनेट के तीन पद खाली हो गए. वहीं तीन और पद पहले से खाली हैं. कुल मिलाकर 6 कैबिनेट के पद अभी खाली हैं. सीएम योगी केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से तय हो जाएगा कि सहयोगी दलों को कितना खुश किया जा चुका है. अगर उत्तर प्रदेश के किसी जाति या सहयोगी पार्टी के समीकरण केंद्रीय कैबिनेट में फिट नहीं हो सकेंगे तो उसे यूपी कैबिनेट में जगह देने की कोशिश की जाएगी.
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केंद्रीय कैबिनेट से विस्तार से तय होगी दिशा
प्रदेश के कैबिनेट विस्तार में तय माना जा रहा कि केंद्रीय कैबिनेट में जगह ना मिलने वाले सहयोगियों को प्रदेश की कैबिनेट में सम्मानजनक स्थान दिया जाएगा. यह लगभग तय हो चुका है कि अपना दल-एस की अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्री बनाया जाएगा. ऐसे में उनके उनके पति आशीष पटेल को प्रदेश कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना कम है. दूसरी तरफ निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद भी राज्य कैबिनेट में शामिल होना चाहते हैं. निषाद जिस ओबीसी समुदाय से आते हैं, वह उत्तर प्रदेश की आबादी में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. ऐसे में इस समुदाय को खुश करने के लिए संजय निशाद को मंत्रीपद तय है.
HIGHLIGHTS
- निषाद पार्टी को मंत्रीपद मिलना लगभत गय
- अपना दल को केंद्रीय मंत्रिमडल में मिलेगी जगह
- जल्द ही प्रदेश कैबिनेट में हो सकता है बदलाव
Source : News Nation Bureau