कोरोना काल के दौर में समस्याओं का सामने कर रहे प्रवासी मजदूरों और कामगारों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बड़ा निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते ही कामगारों और श्रमिकों को सबसे पहले पेयजल और भोजन दिया जाए. अधिकारी सुनिश्चित करें कि उनके जिले में कोई भी व्यक्ति पैदल और बाइक से यात्रा न करें. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिेए हैं कि श्रमिकों को बसों के जरिए घर पहुंचाया जाए और ट्रक से सवारी ढोने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. सीएम ने प्रवासी कामगारों (Migrant Workers) के लिए ट्रेनों की संख्या को बढ़ाने पर जोर दिया है.
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उन्होंने कहा कि अब तक यूपी में 1 हफ्ते में 350 ट्रेन आई हैं. उसमें 430000 लोग आए. देश में कुल ट्रेनों में से 60 फीसदी ट्रेन यूपी में आई है. इसके अलावा 10000 बसें लगी हैं, जो लोगों को गंतव्य तक निशुल्क पहुंचा रही हैं. 70 ट्रेनें आज फिर आएंगी. पिछले एक हफ्ते में कुल 6:50 लाख लोग आए. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा 1 मार्च से 30 अप्रैल के बीच छह लाख से ज्यादा कामगार श्रमिक आए उत्तर प्रदेश में इस दौरान ना तो खाद्यान्न की समस्या रहे ना भोजन की. सभी को 1000 भरण-पोषण भत्ता भी दिया जा रहा. 12.50 लाख लोगों की क्वरंटाइन सेंटर में व्यवस्था है. 12 से 13 लाख फूड पैकेट रोज बांटे जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'कोरोना के नाते हुए लॉकडाउन की सर्वाधिक मार रेहड़ी, ठेला, खोमचा या पटरी के किनारे अन्य कारोबार करने वालों पर ही पड़ा है. सरकार इनकी जिंदगी को दुबारा से पटरी पर लाने की मुहिम में जुट गयी है. इस क्रम में जो भी पटरी व्यवसायी चाहेगा सरकार उसे उदार शतरें पर 10 हजार तक का लोन उपलब्ध कराएगी. चूंकि सरकार अब तक के लॉकडाउन के दौरान करीब 8.41 लाख पटरी व्यवसायियों को भरण-पोषण भत्ते के रूप में 1000 रूपये और खाद्यान्न उपलब्ध करा चुकी है. ऐसे में एक डाटा तैयार है. लिहाजा लोन के लिए पात्रों के चयन और अन्य प्रक्रिया में आसानी होगी.'
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उन्होंने कहा, 'आने के बाद सबके स्वास्थ्य की जांच के लिए क्वारंटीन सेंटर हैं. स्वास्थ्य जांच के बाद स्वस्थ्य व्यक्ति को 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ते और तय मात्रा में राशन देकर उनको होम क्वारंटीन के लिए घर पहुंचाया जाता है. संदिग्ध को पूरी जांच के लिए वहीं आइसोलेट कर लेते हैं. कम्यूनिटी किचन के जरिए सरकार रोज करीब 12 से 15 लाख लोगों को भोजन करा रही है. खाना समय से मिले और गुणवत्ता में ठीक हो इस पर खास तौर से ध्यान दिया जा रहा है.'
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही सभी प्रवासी, कमजोर वर्ग के लोगों को रहने खाने, चिकित्सा के अलावा राशन किट और भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध करा रही है. जो जहां है, वहां से उनके घर तक पहुंचाने की निशुल्क व्यवस्था कर रही है. इसके लिए 10000 बसें लगाई गई हैं. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर अपील है कि जो जहां हैं वहीं रहे, पैदल ना चलें. सभी को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यूपी में बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था भी शुरू हो गई है, मनरेगा के तहत करीब 25 लाख लोगों को रोज काम मिल रहा है, बंद पड़े औधोगिक संस्थानों को खुलवा खुलवा कर काम दिलाया जा रहा है, चीनी मिलों,कोल्ड स्टोरेज व ईंट भट्ठों को लाक डाउन अवधि में भी बंद नहीं होने दिया गया.
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