उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के 18110 टीचर्स का डेटा गायब है. ये डाटा विभाग के मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड नही हैं. जब इसके बारे में सवाल किए गए तो इस सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने सभी जिलों के BSA को 17 दिसम्बर तक सभी शिक्षक और कर्मचारियों का डेटा मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दे दिया है. जिनका डेटा 17 दिसम्बर तक अपलोड नहीं होगा, उन कर्मचारियों को अवैध माना जाएगा और पूरी सम्भावना है कि इसमें बहुत से लोग फर्जी भी होंगे, ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर कार्रवाई भी करवाई जाएगी.
जब उनसे पूछा गया कि जिलों के मुताबिक कितने शिक्षक कर्मचारियों को डाटा मिसिंग हैं तो उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी हमारे पास जिलेवार डेटा उपलब्ध नहीं है. हमने अपने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो प्रत्येक जिले से ऐसे शिक्षकों की सूची बनाकर शिक्षा विभाग को सूचित करें कि ऐसे कितने शिक्षक हैं जिनका डाटा नहीं मिल रहा है साथ ही हमने 17 दिसम्बर तक पूरा डाटा साइट पर अपलोड करने का आदेश भी जारी किया है जैसे ये डाटा साइट पर अपलोड हो जाएगा,पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी.
प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को छुट्टी के लिए देनी पड़ती है रिश्वत
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों को छुट्टी के लिए रिश्वत देनी पड़ती है. इस घोटाले का खुलासा खुद बेसिक शिक्षा विभाग ने किया है. विभाग ने IVRS Call के जरिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 12733 शिक्षकों से बात की और उनका फीडबैक लिया. शिक्षकों से अवकाश के बदले विभागीय अधिकारियों द्वारा शोषण की बात पूछी गई. इसमें 1548 टीचर्स ने स्पष्ट तौर पर शोषण की बात कही और बताया कि बिना रिश्वत दिए उन्हें छुट्टी नहीं मिलती है.
ये होते हैं छुट्टियों के रेट
शिक्षकों ने ये भी बताया कि मेडिकल लिव हो या बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश, सभी के घूस के रेट फिक्स हैं. जो घूस नहीं देते उनके अवकाश प्रार्थना पत्र लंबित रखे जाते हैं. ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी बिना रिश्वत के प्रार्थना पत्र देखते भी नहीं है. नए शिक्षकों को अपनी शादी की छुट्टी के लिए दोगुना रिश्वत देनी होती है. आम अवकाश का रेट प्रतिदिन के हिसाब से 500 से 1000 है तो शादी के लिए प्रतिदिन 2000 के हिसाब से खण्ड शिक्षा अधिकारी को देने होते है.
डर के मारे शिक्षक नहीं करते हैं ऑनलाइलन आवेदन
जांच में इस बात का भी पता चला कि बेसिक शिक्षा विभाग में अवकाश के लिए IVRS के जरिए ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था है. लेकिन शिक्षक अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करते हैं. इस डर से क्योंकि ऑनलाइन आवेदन करते ही खण्ड शिक्षा अधिकारी को पता चल जाएगा कि किस शिक्षक ने कितने दिन का अवकाश मांगा है. बता दें कि ये खुलासा खुद बेसिक शिक्षा विभाग के अपने सर्वे में हुआ है
Source : News Nation Bureau