देशभर में फिलहाल लॉकडाउन लागू है. लोग घरों में कैद. देश की आर्थिक स्थिति भी इसका गहरा असर पड़ रहा हा. इस बीच लोगों के मन में इस वक्त एक ही सवाल है. आखिर लॉकडाउन के बाद क्या होगा. नौकरियों का क्या होगा. प्रवासी मजदूरों का क्या होगा? उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सभी सवालों के जवाब दिए हैं. योगी आदित्यनाथ ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया है कि राज्य सरकार ने कोरोना के प्रसार को रोकने और प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं.
जब सीएम योगी से पूछा गया कि उत्तर प्रदेश में इतनी बड़ी जमसंख्या होने बावजूद राज्य कोरोना के संक्रमण को रोकने में काफी हद कामयाब कैसे हुआ तो उन्होंने जवाब दिया कि सही समय में एकश्न प्लान को अंजाम दिया गया और इससे हमे काफी मदद मिली. चाहे वह निर्माण श्रमिकों का मामला हो या स्ट्रीट वेंडर, पोर्टर्स इत्यादि को रखरखाव भत्ता देने का मामला हो या कमजोर वर्गों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना हो, वरिष्ठ अधिकारियों की टीम 11 ने प्रभावी रूप से एक्शन प्लान को लागू किया.
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इन सभी टीमों की अलग-अलग जिम्मेदारी थी और इसके लिए जवाबदेही भी थी, इसी का नजीता है कि आज हमारे पास 10 हजार आइसोलशन बेड, 20 हडार क्वारंटाइन बेड, 1000 वेटिंलेटर्स और 17 टेस्टिंग लैब है. मैं भी टीम 11 के साथ हमेशा समीक्षा बैठक करता हूं.
इस वक्त 15 लाख लोगों को दे सकते हैं नौकरी- सीएम योगी
वहीं जब उनसे प्रवासी मजदूरों के उत्तर प्रदेश में आने से बेरोजगारी को बढ़ने से रोकने के बारे में सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि ऐसे श्रमिक जो ये कह रहे हैं कि बेरोजगारी में वृद्धि होगी, उन्हें भी यहां नौकरी मिलेगी. यहां संभावनाओं की कोई कमी नहीं है. उन्होने दावा किया कि लॉकडाउन के दौरन ही वह करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को घर पर डिलीवरी के जरिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार दिला चुके हैं. हम फिलहाल 15 लाख और लोगों को रोजगार दिलाने की स्थिति में हैं.
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उन्होंने कहा, सरकारी निर्माण कार्य, मनरेगा, एमएसएमई उद्यमों और स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से किए गए कार्यों में भी इस वक्त काफी अवसर हैं. मैं आश्ववासन देता हूंकि भविष्य में उत्तर प्रदेश में किसी भी मजदूर को बेरोजगारी की समस्या नहीं होगी. सीएम योगी ने बताया कि जो प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश में हैं उनके लिए पूरा बंदोबस्त है. उन्हें क्वारंटाइन में रखा गया है जहां उनके लिए खाना-पानी का इंतजाम है. इसके अवाना उनके 14 दिनों का क्वारंटाइन खत्म होते ही हजार रुपए का राशन भी दिया जाएगा. इसके अलावा जो उत्तर प्रदेश के मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, मैंने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस बारे में चिट्ठी लिखी है ताकि मजदूरों को कोई परेशानी न हो.